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मिट्‌टी की मूरत में बप्पा का आह्वान कर घर-पंडालों में की जाएगी स्थापना, 4 फीट से ऊंची प्रतिमा कहीं नहीं

रायपुर – शनिवार को गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिनी उत्सव का श्रीगणेश हो जाएगा। कोरोना ग्रहण के इस दौर में लोगों ने पिछले 4 माह में पड़े त्योहारों को जिस तरह सावधानियों के साये में गुजारा, गणेशोत्सव भी उसी ऐहतियात के साथ मनाना होगा। इसे लेकर जिला प्रशासन ने स्पष्ट गाइडलाइन भी जारी कर दी है जिसमें मूर्ति स्थापना के लिए 26 नियम तय किए गए हैं। पंडालों में बप्पा की विराजना के लिए समितियों को इन शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। बता दें कि प्रशासन ने प्रतिमाओं की अधिकतम ऊंचाई 4 फीट तय की है। मूर्तिकारों का अनुमान है कि शहर में करीब 20 हजार से ज्यादा मिट्टी की छोटी प्रतिमाएं बनाई जा चुकी हैं, जिनकी स्थापना 22 अगस्त को घर-पंडालों में की जाएगी। दूसरी ओर सामाजिक संगठन भी ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए लोगों को घर बैठे मिट्टी की मूरत बनाना सीखा रहे हैं। संगठनों का कहना है कि गणेश पक्ष ऐसा पर्व है जिसका उत्सव लोग अपने ही घर में मना सकते हैं। वह भी 1 या 2 नहीं, बल्कि पूरे 10 दिन तक। बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से समितियां बच्चों को मिट्‌टी के गणेश बनाने का प्रशिक्षण दे रहीं हैं।

4 स्वग्रही ग्रहों के योग में 4 शुभ मुहूर्त 
ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे ने बताया कि शनिवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में बप्पा की स्थापना की जाएगी। इस दौरान सूर्य, गुरु, शनि और मंगल स्वग्रही होंगे जिसे ज्योतिष अद्भुत संयोग बता रहे हैं। इसके अलावा इस दिन साध्य योग भी है।

शनिवार को गणेशजी की स्थापना इन चार मुहूर्तों में की जा सकेगी…

  • सुबह 7.34 बजे तक सिंह लग्न में।
  • सुबह 11.56 से 2.11 तक वृश्चिक लग्न
  • शाम 6.05 से 7.39 तक कुंभ लग्न में।
  • रात 10.53 से 12.52 तक वृषभ लग्न।

500-15000 की मूर्तियां
बाजार में इस बार 1 से 4 फीट ऊंची प्रतिमाएं 5 सौ से 15 हजार की कीमत में उपलब्ध हैं।

मारवाड़ी महिला सम्मेलन
महिलाओं ने बुधवार को दलदल सिवनी स्थित ग्रीन विलाज सोसाइटी में बच्चों को प्रशिक्षण दिया। पहले बताया कि मिट्टी को मूर्ति का आकार कैसे देना है, फिर हल्दी और काली मिर्च की मदद से उसमें बप्पा के आंख-मुंह को उकेरना सिखाया। शनिवार को सम्मेलन की नीतिमा अग्रवाल, अरूणा अग्रवाल, ममता अग्रवाल और रश्मि गोयल सीजी हाइट्स में बच्चों को प्रतिमा बनाने की निशुल्क ट्रेनिंग देंगी।

नो प्लास्टिक यूज कैंपेन
शहर की माेनिका सुराना पिछले एक साल से यह कैंपेन चला रहीं हैं। इसी के तहत वे फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम के जरिए हल्दी के इको फ्रेंडली गणेश बनाने की ट्रेनिंग कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक हफ्ते में अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर 15 हजार से ज्यादा लोगों ने उनका वीडियो देखा है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में हल्दी से गणेश बनाकर स्थापना करने की परंपरा हजारों साल पुरानी है।

cgnewstime

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