88 दिनों में 450 किमी का सफर तय कर पहुंचे हाथी
रायपुर – 88 दिन बाद गरियाबंद, धमतरी, कांकेर और फिर गरियाबंद होते हुए बार दल के हाथी एक बार फिर से महासमुंद पहुंच चुके हैं। चंदा हाथी के साथ 20 हाथियों का दल शनिवार की देर रात फिंगेश्वर रेंज से बोयनाबाहरा होते हुए महासमुंद के धनसुली पहुंचे। रविवार की देर शाम तक हाथियों का दल धनसुनी में ही मौजूद था। इधर, बार दल के हाथियों के महासमुंद पहुंचने के बाद से वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। हाथियों का दल बागबाहरा रेंज की ओर जाएगा या फिर बम्हनी, निसदा होते हुए अपने पुराने क्षेत्र सिरपुर लौटेगा यह रविवार की रात तय होगा। इधर, वन विभाग की टीम हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखे हुए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल की रात हाथियों का दल सिरपुर क्षेत्र से निकलकर निसदा बैराज, बम्हनी, महासमुंद होते हुए बागबाहारा रेंज के बोकरामुड़ा जंगल चला गया था। हाथियों का दल इस क्षेत्र 25-26 मई तक रहा है। इसके बाद दल छुरा, गरियाबंद रेंज से होते हुए धमतरी डिवीजन में चला गया था। हाथियों का दल सर्वाधिक समय गंगरेल बांध के डुबान क्षेत्र और नरहरा बांध के आसपास रहा।
देर रात हो सकता है मूवमेंट, इन गांव में अलर्ट जारी…
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाथियों का मूवमेंट सिरपुर क्षेत्र या बागबाहरा के लिए हो सकता है। यही कारण है कि विभाग ने सिरपुर क्षेत्र के खिरसाली, बंदोला, सुकुलबाय, केशलडीह, छतालडबरा और तालाझर गांव के लिए अलर्ट जारी किया है। साथ ही बागबाहरा क्षेत्र के जिवतरा, खट्टी, कोना और बकमा के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है।
1. महासमुंद डिवीजन : 25 से 26 मई के बीच हाथियों का दल महासमुंद डिवीजन के बागबाहरा रेंज के बोकरामुड़ा, बिजेपाल से होते हुए गरियाबंद डिवीजन के छुरा रेंज में पहुंचा। यहां हाथियों ने कुछ ही दिन बिताया और धमतरी जिले में प्रवेश किया।
2. गरियाबंद डिवीजन : 26 जुलाई की रात धमतरी डिवीजन से निकलकर हाथियों का दल फिर से गरियाबंद डिवीजन के फिंगेश्वर रेंज में पहुंचा। हाथियों का दल यहां करीब 27 दिन रहा। शनिवार की रात हाथियों के दल ने एक बार फिर से महासमुंद डिवीजन के महासमुंद रेंज में प्रवेश किया।
3. कांकेर डिवीजन : हाथियों का दल कांकेर जिले में सबसे कम समय रहा है। धमतरी के नरहरा बांध के आसपास रहने के दौरान दल नरहरपुर से कांकेर की सीमा में मारवाड़ी के गांव के क्षेत्र तक कई बार रात में पहुंचा और केले के बाड़ियाें को नुकसान पहुंचाया। दल यहां रुकता नहीं था और सुबह होने से पहले नरहरा बांध के आसपास अपने ठिकानों पर पहुंच जाता था।
4. धमतरी डिवीजन : 3 जून को हाथियों का दल धमतरी जिले में पहुंचा। दल ने ज्यादातर समय गंगरेल बांध के डुबान क्षेत्र में बिताया। यहां भरपूर मात्रा में पानी के साथ बांस के जंगल थे। इसी के आसपास 15 जून की रात को उपपोरी के जंगल में 3 साल के हाथी की दलदल में डूबने से मौत हो गई थी।