रायपुर होकर मुंबई-हावड़ा रूट पर भी चलेंगी प्राइवेट ट्रेनें
रायपुर – रेलवे प्रशासन बड़ी संख्या में प्राइवेट ट्रेनें चलाने की तैयारी कर रहा है। इसमें रायपुर होकर भी प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी। मुंबई- हावड़ा मेन रूट होने के कारण नागपुर, रायपुर व बिलासपुर मंडल से निजी ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। कई व्यस्त रूटों की जानकारी रेलवे बोर्ड तैयार कर रहा है। इसके लिए विभिन्न जोन व मंडलों से यात्रियों की अनुमानित संख्या का डाटा भी मंगाया जा रहा है। इस रूट में बिलासपुर से नई दिल्ली और हावड़ा-मुंबई वाया रायपुर-बिलासपुर रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं, जहां से निजी ट्रेन होकर चलेगी।
आईआरसीटीसी कर रहा सर्वे
किन-किन रूटों पर प्राइवेट ट्रेनें चलानी हैं, इसके लिए (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) आईआरसीटीसी द्वारा सर्वे भी किया जा रहा है। बता दें कि पिछले साल आईआरसीटीसी ने पहली निजी ट्रेन का परिचालन लखनऊ से दिल्ली के बीच तेजस एक्सप्रेस के तौर पर शुरू किया था। रेलवे अफसरों ने बताया कि इस योजना का मकसद रेलवे में रखरखाव की लागत कम, यात्रियों को कम समय में अधिक दूरी तय करने के साथ ही नई तकनीक की सुविधा भी देना है। दावा किया जा रहा है कि निजी ट्रेनों के परिचालन से नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे और बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
तीसरी लाइन का काम तेज
मुंबई हावड़ा रूट पर रायपुर होकर चलने वाली प्राइवेट ट्रेनों की गति नियमित ट्रेनों की तुलना में अधिक रहेगी। प्राइवेट ट्रेनें एलएचबी कोच वाली हाेंगी और इनकी गति 140-150 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रहेगी। इसी कारण नागपुर से लेकर रायपुर होते हुए बिलासपुर व झारसुगुड़ा तक तीसरी लाइन को विशेष तौर से मजबूत किया जा रहा है, ताकि तेज गति से ट्रेनों को बढ़ाया जा सके। रायपुर रेल मंडल भी अपनी हिस्से की पटरी को अपग्रेड करने में जुटा है।
ऐसा होगा परिचालन का सिस्टम
आईआरसीटीसी द्वारा चलाई जा रही तेजस और वंदेभारत ट्रेन में टीटीई के स्थान पर अपने कर्मचारियों को रखा गया है। 109 जोड़ी रूट इंडियन रेलवे नेटवर्क पर 12 क्लस्टर्स में होंगे। हर ट्रेन में कम से कम 16 कोच होंगे। रेलवे के अनुसार इन आधुनिक ट्रेनों में से अधिकांश को मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाया जाएगा। ट्रेनों के रखरखाव की सारी जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों की होगी। इसके तहत रेलवे ने देश के रूट का चयन भी कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार 35 साल के लिए यह प्रोजेक्ट रेलवे प्राइवेट कंपनियों को देगी। सभी ट्रेनों में ड्राइवर और गार्ड रेलवे के होंगे।