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बच्चों को कपड़े से पेट पर बांधकर सो रहीं महिलाएं ताकि हाथी जब हमला करे तो उन्हें अपने साथ लेकर भाग सकें

सरगुजा – सरगुजा संभाग में एक तरफ बारिश तो दूसरी तरफ हाथियों से लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। इसके चलते महिलाएं स्कूलों और आंगनबाड़ी भवनों में बच्चों को कपड़े से पेट पर बांधकर सो रही हैं ताकि हाथी हमला करें तो बच्चे को लेकर भाग सकें। वहीं पुरुष रातभर रतजगा कर रहे हैं। हाथी इन दिनों बलरामपुर के राजपुर और वाड्रफनगर के गांवों में उत्पात मचा रहे हैं। इन इलाकों में हाथियों ने दो साल में 10 से अधिक लोगों को मार डाला है। यहां लोग जितना कोरोना से नहीं उससे अधिक हाथियों से डर रहे हैं। करवा निवासी शांति ने बताया कि शाम सात बजे तक खाना खाकर आंगनबाड़ी भवन में बच्चों के साथ सोने चली जाती हैं। जहां कपड़े से बच्ची को अपने पेट बांध कर सोती हैं। बताया कि अगर यहां भी हाथी पहुंच गए तो कम से कम बच्ची को लेकर भाग तो पाएगी। अन्य महिलाएं भी बच्चों को इसी तरह सुरक्षित रखने का प्रयास करती हैं।

पुरुष रातभर हाथियों की करते हैं निगरानी
ग्रामीणों ने बताया कि महिलाएं और बच्चे रात भर सरकारी भवनों में रहते हैं। तो वे हाथी गांव के अंदर न पहुंच सकें। इसके लिए रात भर निगरानी करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें वन विभाग से कोई सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। वे खुद ही हाथियों को गांव की ओर आने से रोकते हैं।

जिनके जंगल के पास घर उन्हीं परिवारों को अधिक डर
अधिकारियों का कहना है कि जिन ग्रामीणों ने जंगल किनारे मकान बना लिया है। उन्हें सबसे अधिक डर होता है। हाथी उन्हीं मकानों को नुकसान पहुंचाते हैं तो रात में घर छोड़कर भगाने के दौरान हाथियों के चपेट में आने से जनहानि का डर अधिक होता है। बता दें कि अधिकतर ग्रामीण सरकारी जमीन पर कब्जा कर घर बना लेते हैं।

बिजली गुल हो जाती है तो बढ़ जाता है खतरा
ग्रामीणों ने बताया कि यहां प्यारे दल के 10 हाथियों का दल है। बरसात के मौसम में अक्सर बिजली गुल रहती है। इसके कारण उन्हें हाथियों के आने पर खतरा और भी बढ़ जाता है। उनके पास टार्च भी नहीं है। उन्होंने टार्च दिलाने की मांग की है।

एक्सपर्ट राय
पीएम योजना के आवास बनवाने चाहिए: मिश्र

छत्तीसगढ़ वन्य जीव बोर्ड के सदस्य व हाथी विशेषज्ञ अमलेंदु मिश्रा ने कहा कि हाथी प्रभावित इलाकों में पीएम आवास योजना के साथ पक्के मकान बनाने चाहिए। इससे लोगों को सरकारी भवनों में ठहराने की जरूरत नहीं होगी। वहीं राजीव गांधी विद्युतीकरण स्कीम के तहत बिजली पहुंचानी चाहिए।

ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कर्मी कर रहे मदद
“करवा में जंगल किनारे मकान बनाकर रहने वाले परिवारों को फारेस्ट कर्मी शाम होते ही सरकारी मकान में लाकर ठहरा रहे हैं। जंगल किनारे एक मकान को दो दिन पहले हाथी तोड़ रहे थे तो हाथी मित्र दल ने भगाया था। ग्रामीणों को जहां तक टार्च देने की बात है, पंचायत को व्यवस्था करना चाहिए। हमारे गजराज वाहन में टार्च रहती है।”
-संतोष पांडे, रेंजर,राजपुर

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