बच्चों की प्रतिभा को निखारकर योग्य बनाएं: प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला : ‘पढ़ाई तुंहर दुआर‘ कार्यक्रम का लिया जायजा
रायपुर – प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने आज सरगुजा जिले में ‘पढ़ाई तुंहर दुआर‘ एवं ‘पढ़ाई तुंहर पारा‘ की विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने पढ़ाई तुंहर पारा के अंतर्गत संचालित मोहल्ला क्लास का निरीक्षण कर बच्चों से प्रश्न पूछकर उनके ज्ञान को परखा और शिक्षको से शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी ली। डॉ. शुक्ला ने बच्चों के प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि यहां के बच्चे प्रतिभाशाली है। इनकी प्रतिभा को निखारें और योग्य बनाये।
प्रमुख सचिव ने बतौली विकासखंड के प्राथमिक शाला बिलासपुर के बच्चों के लिए केनापारा में चलाए जा रहे मोहल्ला क्लास में निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों के द्वारा बनाये गए हस्तकला के संबंध में पूछ-ताछ की। इसके बाद छात्रा दिव्या कुजूर से पुस्तक वाचन करने कहा। दिव्या कुजूर ने चीटी और मेंढक की कहानी पढकर सुनाई। छात्र निशांत गुप्ता ने जल-चक्र को चित्र के माध्यम से बहुत ही सहजता से बताया वही छात्रा अनामिका प्रजापति ने गणित मशीन की सहायता से गुणा करके बताया। डॉ. शुक्ला ने छात्रों की प्रतिभा को देखकर शाबाशी दी। इसके पश्चात् सीतापुर विकासखण्ड की प्राथमिक शाला मंगारी, पूर्व माध्यमिक शाला ढेलसरा और मैनपाट विकासखंड जामझरिया प्राथमिक शाला की मोहल्ला क्लास का निरीक्षण किया। जामझरिया मोहल्ला क्लास में शिक्षकों द्वारा शैक्षिक गतिविधियों के साथ ही ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। यहां जल संरक्षण हेतु वाटर पंप के मॉडल के साथ ही जापानी शिक्षण पद्धति कमिशिबाई को भी प्रदर्शित की गई थी। प्रमुख सचिव ने जामझरिया प्राथमिक शाला के निरीक्षण के दौरान स्कूल की साज-सज्जा और सुव्यवस्थित शैक्षिक गतिविधियों की सराहना की। सीतापुर के अग्रसेन भवन में संचालित पूर्व माध्यमिक शाला ढेलसरा के मोहल्ला क्लास के बच्चों से वहां बनाये गए शैक्षिक मॉडलों के बारे में पूछ-ताछ की। कई बच्चों से अंग्रेजी में प्रश्न पूछ कर अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को टटोला। उन्होंने शिक्षको से मिस कॉल गुरुजी के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि बच्चों के मिस कॉल करने पर उनकी समस्या का समाधान करें।
प्रमुख सचिव ने कहा कि शैक्षिक गतिविधि के अंतर्गत बच्चे कुछ बनाते है तो उसके बारे में पूरी जानकारी दें। पुस्तक वाचन के पश्चात बच्चों से चर्चा करें और पाठ सामग्री को अपने शब्दों में फिर से दोहराने कहें ताकि उनकी समझ विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि व्यवस्थित शैक्षिक गतिविधि के साथ बच्चों की समझ को भी बढ़ाएं। इस दौरान कलेक्टर संजीव कुमार झा, जिला पंचायत के सीईओ कुलदीप शर्मा सहित जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।