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पैरेंट्स एसोसिएशन ने कहा- स्कूलों की मनमानी के खिलाफ विरोध जारी रहेगा, जिनकी स्कूल फीस जमा नहीं हुई उनकी ऑनलाइन पढ़ाई आज से बंद

रायपुर – निजी स्कूलों फीस का विवाद अब भी थमता नहीं दिख रहा है। बुधवार को इसी संबंध में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि फीस जमा नहीं करने पर ऑनलाइन पढ़ाई आज से बंद की जाएगी। स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के इस निर्णय के बाद अब विरोध भी तेज हो गया है। छत्तीसगढ़ पैरेंटस एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि फीस को लेकर स्कूलों से मनमानी की जा रही है। इसका विरोध जारी रहेगा। कोर्ट ने टयूशन फीस लेने की अनुमति दी है। लेकिन टयूशन फीस अभी परिभाषित ही नहीं है। स्कूल अपनी मर्जी से इसे परिभाषित कर रहे हैं। इसलिए पैरेटस में भ्रम की स्थिति है। वहीं दूसरी ओर फीस नहीं देने पर ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने के लिए कहा जा रहा है। इसका विरोध जारी रहेगा। इससे पहले, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने कुछ दिन पहले एक सूचना जारी कर यह अल्टीमेटम दिया था कि 9 सितंबर तक फीस नहीं देने वाले बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी जाएगी।
परिवार को आर्थिक समस्या हो तो क्लास बंद नहीं होगी
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की बुधवार ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें अधिकारियों ने बताया कि बैठक में यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि 9 सितंबर तक जिन्होंने फीस जमा नहीं किया है उनके बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं फीस जमा करने तक बंद रहेगी। यदि कोई पैरेंटस आर्थिक समस्या से ग्रस्त है और उसने दस्तावेजों के साथ स्कूल से संपर्क किया है तो उनके बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं चालू रहेगी। इसी तरह यदि किसी अभिभावक ने स्कूल में अपनी पहली किस्त या भुगतान जमा करा दिया है और स्कूल को यह उचित लगता है, तो उनकी ऑनलाइन क्लास चालू रहेगी। ऐसे पैरेंटस जिन्होंने कोई भी शुल्क जमा नहीं किया है या फिर स्कूल से आर्थिक समस्या के संदर्भ के संपर्क नहीं किया है तो ऐसे पैरेंटस के बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं भुगतान होने तक बंद होगी।

बस कर्मचारियों की मांग, 6 महीने का मिले गुजारा भत्ता 
छत्तीसगढ़ बस कर्मचारी एकता संघ ने बुधवार को पंडरी बस स्टैंड में गुजारा भत्ता की मांग की। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बसों के आवागमन पर ग्रहण लग गया। इससे बस ड्राइवर, हेल्पर आदि कर्मचारियों का जीवन प्रभावित हुआ है। पिछले 5 महीनों से पैसे नहीं मिलने पर सभी कर्मचारियों ने विरोध जताया है। वहीं 6 महीने का गुजारा भत्ता और सैलेरी की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने नियमितिकरण और कर्मचारियों का बीमा करने की मांग शासन से की है। कर्मचारियों को वर्तमान समय में राेजमर्रा के सामान खरीदने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सितंबर से मासिक किश्ताें का सिलसिला शुरू हो गया। कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब है। संघ की मांग है कि कर्मचारियों को गुजारा भत्ता के साथ सैलेरी और नियमितिकरण किया जाए। संघ ने निर्णय लिया है कि मांग पूरी नहीं होने पर वे सोमवार को भूख हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शुक्ला, विजय कुर्रे समेत सभी बस कर्मचारी उपस्थित रहे।

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