प्रभारी सचिव डॉ एम गीता ने कबीरधाम जिले के गौठानों में नवीन पद्धति से बन रहे उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद का निरीक्षण किया
प्रभारी सचिव डॉ गीता ने कहा-ग्रामीणों के लिए रोजगार सृजन करने के साथ-साथ उनके आय के अतिरिक्त माध्यम बनाने के लिए ठोस प्रबंध करें
कवर्धा -कबीरधाम जिले की प्रभारी सचिव एवं कृषि उत्पादक आयुक्त डॉ एम गीता ने आज शनिवार को जिले के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे। उन्होने कवर्धा विकाखण्ड के मॉडल गौठान बिरकोना का निरीक्षण करते हुए यहां गोधन योजना के तहत नवीन तकनीकि से बनाई जा रही उच्चगुणवत्ता युक्त जैविक खाद बनाने की विधि का अवलोकन किया। उन्होने निरीक्षण करते हुए कलेक्टर शर्मा से कबीरधाम जिले में राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना एवं ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्ेश्य से चलाई जा रही छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा,घुरूवा उउ बाड़ी योजना के बेहतर क्रियान्वयन एवं प्रगति की विस्तार से जानकारी ली।
उन्होने कहा कि यह राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत ग्रामीणों के लिए रोजगार सृजन करने के साथ-साथ उनके आय के अतिरिक्त माध्यम बनाने का भी विशेष जोर दिया जाए। उन्होने कहा कि राज्य सरकार के मंशानुरूप ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हे आर्थिक रूप से संभल बनाने पर ठोस प्रयास करने होंगें तथा आने वाले लम्बे समय तक उन्हे योजनाओं को लाभ मिलता रहे और उनके लिए आर्थिक लाभ का सृजन हो सके।
प्रभारी सचिव डॉ एम गीता ने बिरकोना गोठान पहुंचकर वहां नवीन पद्धति से बनाई जा रही उच्चणुवत्ता के वर्मीकंपोस्ट जैविक खाद बनाने की तकनीकि का अवलोकन किया। कलेक्टर रमेश शर्मा ने बताया कि कबीरधाम जिले में कृषि विभाग के अधिकारियों के विशेष मार्गदर्शन में जिले के 10 से अधिक गोठानों में कम लागत शीघ्र तैयार होने वाले नवीन तकनीकि से वर्मीकपोस्ट तैयार किया जा रहा है। जिले में बिरकानें में वर्मीकंपोस्ट खाद बनाने प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी प्रकार जिले के बिरेन्द्रनगर, धरमपुरा, मिनमिनिया मैदान, राजनानंवादगांव, घोंघा, उदका और ईरिमकसा गौठान में इस पद्धति से जैविक खाद बनाए जा रहे है। ग्रामीणों को आजीविका से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे है। महिला समुहों को सब्जी की खेती के लिए तैयार किया किया गया है।
गौठान के पास हाईवे मार्ग पर जिले का पहला भोर कलेवा का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा जिले में कलेकटर परिसर एवं जिला पंचायत कार्यालय के समीप छत्तीसगढ़ की प्रमुख व्यजंनों पर आधारित भोर कलेवा का संचालन किया जा रहा है। उन्होने बताया कि कोविड-19 कोरोन वायरस के रोकथाम और नियंत्रण के लिए जारी प्रयासों के बीच आमदमनी में कुछ कमी आई है, लेकिन समय रहते उन्हे भी बेहतर करने का प्रयास किए जा रहे है। गौठान के अंदर ही महिला समुह को मुर्गीपालन के लिए स्थान देकर उन लोगों के लिए आजीविका के लिए ठोस प्रबंधन किए जा रहे है। दृर्ग संभाग कृषि संयुक्त संचालक के कुमार राठौर ने बताया कि यह कम लगात में शीघ्र तैयार होने वाले एक नवीन तकनीकि है, जिसके माध्यम से उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद बनाए जा रहे है। उन्होने बताया कि इस नवीन तकनीकि के बारे में संबंधित गौठान संचालक समिति और जैविक खाद बनाने के काम में लगे सभी स्वसहायता समूहों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के, एसडीएम विपुल गुप्ता, उपसंचालक कृषि एमडी डड़सेना, तहसीलदार मनोज रावटे सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।