अपोलो लगातार गंभीर मरीजों को लौटा रहा, लोग बोले- वहां बेड की संख्या बढ़ाई जाए
बिलासपुर – शासन की दी गई जमीन पर खड़ा अपोलो अस्पताल कोरोना के मरीजों को बेड नहीं होने की बात कहकर लौटा रहा है। 3 दिन पहले ही कलेक्टर ने कहा था कि अस्पतालों में मरीजों के लिए बिस्तर की कमी नहीं है। दैनिक भास्कर को हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी मिली कि शुक्रवार की शाम एक कोरोना के मरीज को अपोलो से वापस लौटाया गया है। शनिवार को दूसरे मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ। पड़ताल में पता चला कि वहां सिर्फ 35 बेड का इंतजाम है। बेड भर गए हैं। यह जानकारी पीआरओ आकृति ने दी। उन्होंने कहा कि वे जो कह रही है वही सच है। मरीज को बाहर किसी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ेगा। सुनने के बाद मरीज के परिजन अपोलो से वापस लौट गए।
इमरजेंसी में पहुंच रहे मरीज, जान का खतरा
अपोलो अस्पताल प्रबंधन मरीज और उनके परिजनों को पहले से ही यह कह रहा है कि यदि जांच में कोरोना की पुष्टि हुई तो वह मरीज को भर्ती नहीं लेंगे। उन्हें बाहर किसी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ेगा। दूसरी तरफ यहां इमरजेंसी में मरीज लाए जा रहे हैं। एक मरीज वह है जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत है तो दूसरे ज्यादा संक्रमित। इसके बावजूद मरीज और उनके परिजनों को यहां पहुंचकर निराशा ही हाथ लग रही है और यहां से दूसरे अस्पताल तक पहुंचने में जान का खतरा बना हुआ है।
कलेक्टर ने कहा- रोज भर्ती व छुट्टी होती है
कलेक्टर डॉ. मित्तर से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अपोलो अस्पताल में रोज मरीज की भर्ती व छुट्टी होती है। यह बेड की उपलब्धता पर निर्भर करता है।ॉ
चार अस्पतालों में भटके, इलाज से मना किया
रिंग रोड-2 की 40 वर्षीय मीनू ठाकुर की शनिवार को परिजन श्री राम केयर अस्पताल गए। यहां डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया तो परिजन अपाेलो पहुंचे। यहां सोनोग्राफी किया और कहा कोविड मरीज है इलाज नहीं होगा। पाटली पुत्र विकास मंच के प्रवीण झा ने दैनिक भास्कर को बताया कि परिजनों ने विधायक शैलेष पांडेय से बात की तो उन्होंने कोविड अस्पताल जाने की सलाह दी। कांग्रेस उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि केयर एंड क्योर अस्पताल चले जाइए। केयर एंड क्योर ने वापस भेज दिया, फिर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के सेक्रेटरी पंकज सिंह से बात की तो उन्होंने सीएमएचओ दफ्तर में पदस्थ विजय सिंह का नंबर दिया। विजय सिंह ने महादेव अस्पताल भेजा। वहां वेंटिलेटर खाली नहीं था और मौत हो गई। उधर जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि हमें फोन आया था। मरीज के लिए वेंटीलेटर वाले बेड की व्यवस्था करवा ली गई थी। हम इंतजार करते रहे लेकिन मरीज के परिजन उसे कहीं और ले गए। उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों पर भी लोगों को भरोसा करना होगा।
जैसा पाटली पुत्र विकास मंच के प्रवीण झा ने दैनिक भास्कर को बताया
बिल्डर के भाई को नहीं किया भर्ती
अपोलो हॉस्पिटल ने हाल ही में अनिल बिल्डकॉन के प्रमुख अनिल वर्मा के भाई को एडमिट नहीं किया। कोटा का एक युवक स्वास्थ्य समस्या को लेकर अपोलो पहुंचा तो उसे भर्ती नहीं लिया गया। शिकायत जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी से की। केशरवानी लिंगियाडीह वार्ड, जहां अपोलो हॉस्पिटल के पार्षद भी हैं। उन्होंने अपोलो से बात की। इसके बाद भी उसे भर्ती नहीं लिया। केशरवानी ने गैरजिम्मेदार होने का आरोप लगाया। कहा कहा है कि कोरोना काल में जब सरकार, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से काम कर रहा है, ऐसे में अपोलो प्रबंधन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहा है।