जीएसटी चोरी के साथ हवाला कारोबार से भी जुड़ा था शुभम, 24 तक न्यायिक रिमांड पर, 82 करोड़ के फर्जी बिल का हुआ था खुलासा
रायपुर – फर्जी इस्पात कंपनी बनाकर करोड़ों की जीएसटी चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार कारोबारी शुभम सिंघल को 13 दिनों के न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। विभाग ने आज भी जांच जारी रखते हुए उसके फर्म से सीज कागजातों की पड़ताल की। इसमें शुभम के हवाला कारोबार से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि शनिवार की कार्रवाई में शुभम सिंघल के पास से साढ़े 17 लाख रुपए नगद सीज किए गए।
यह रकम उसके पास कहां से आई यह बताने में वह असफल रहा। साथ ही कोई पेमेंट या रिसीव बिल भी नहीं मिले। ऐसे ही कुछ और लेनदेन के संबंध में शुभम कुछ बता नहीं पाया। इससे जीएसटी अफसरों का कहना है कि वह हवाला लेनदेन में भी संलिप्त रहा है। वह यह लेनदेन छत्तीसगढ़ समेत और किन शहरों, राज्यों में करता था इसकी जांच की जा रही है।
शुभम के मैग्नेटो माल स्थित दफ्तर की तलाशी में संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए है। इसी दौरान कई फर्जी कंपनियों के बोगस बिलों के आधार पर लगभग 12 करोड़ 53 लाख रुपए का गलत इनपुट टैक्स लिया है। इतना ही नहीं शुभम ने एक फर्जी फर्म मेसर्स यूनाइटेड इस्पात के नाम से बना ली और कारोबार करता रहा। इसके नाम का उपयोग केवल बोगस बिलों को जारी करने के किया गया है। जांच के दौरान पाया गया कि शुभम सिंघल पार्टनर मेसर्स अधिराज सीमेंट्स के द्वारा बोगस बिलों का उपयोग किया गया।
जीएसटी अधिकारियों के अनुसार शुभम सिंघल के द्वारा बोगस बिलों का उपयोग जीएसटी कि धारा 132 के तहत दंडनीय है। शुभम सिंघल को वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम कि धारा 69(1) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।
150 करोड़ से अधिक के फर्जी बिल का आंकलन
जीएसटी अफसरों के अनुसार प्रारंभिक जांच में ही 82 करोड़ के फर्जी बिल का खुलासा हुआ है। दफ्तर से सीज दस्तावेजों की पड़ताल करने पर यह आंकड़ा 150 करोड़ तक जा सकता है और टैक्स चोरी भी बढ़कर 30 करोड़ होने का आंकलन अफसरों ने किया है। अफसरों के अनुसार शुभम ने इस फर्जी कारोबार में अपनी पत्नी को भी शामिल किया था। पत्नी ,कुछ फर्मों में डमी पार्टनर बनाई गई। इनके अलावे कुछ और बड़े लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं।