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ओबीसी को 27 और गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने राशनकार्ड होगा आधार, हाईकोर्ट की रोक के बाद आरक्षण पर भूपेश सरकार की नए सिरे से पहल

रायपुर – हाईकोर्ट के छत्तीसगढ़ में 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण पर रोक लगाने के बाद अब भूपेश सरकार ने आरक्षण लागू करने के लिए नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है। ओबीसी और सवर्णों की वास्तविक जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने राशनकार्ड को आधार बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रविवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की वर्चुअल बैठक में ओबीसी और सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है।

इसलिए राशनकार्ड के डाटाबेस को आधार मानकर पटेल कमीशन के साथ नया डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसमें ऐसे सभी लोगों को राशनकार्ड बनाने का मौका दिया जाएगा, जो अभी तक अपना राशनकार्ड नहीं बनवा पाए हैं। इसके लिए गांव तथा शहरों के वार्डों में दावा-आपत्तियां भी मंगाई जाएंगी।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ओबीसी आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट के स्थगन पर ठोस आधार प्रस्तुत करने डेटा एकत्र करने के लिए यह प्रक्रिया अपना रही है। वर्तमान में 99 फीसदी राशनकार्ड आधार नंबर एवं बैंकों खाते से लिंक हैं। अपात्र लोगों के नाम भी सूची से काटे जाएंगे। छूटे हुए परिवारों को राशनकार्ड बनाने के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन आवेदन करने की सुविधा दी जाएगी।

ओबीसी के 47% तो सामान्य के 8.18% लाभान्वित

वर्तमान में लाभान्वित राशनकार्ड आेबीसी परिवारों की संख्या 47.75 तथा सामान्य वर्ग के 8.18% लोग शामिल हैं। शासन के मुताबिक यह डेटा विश्वसनीय है। इसको आधार मानते हुए यदि छूटे हुए परिवारों का डेटा इसमें शामिल कर लिया जाए, तो राज्य का अद्यतन वर्गवार डेटा तैयार हो जाएगा।

ये है मामला: अभी एसटी को 32, एससी को 12 और आेबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। एक फीसदी एससी आरक्षण बढ़ने के बाद आरक्षण बढ़कर 58 फीसदी हो गया है। वहीं आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा और ओबीसी आरक्षण 14 से 27 करने के बाद आरक्षण की सीमा 82 प्रतिशत हो गई थी।

संविधान की बाध्यता से 32 फीसदी अधिक है। सीएम भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2019 को इसकी घोषणा की थी। 4 सितंबर 2019 को अध्यादेश लाकर इसे लागू कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी और 27 फरवरी 2020 को राज्य सरकार के अध्यादेश को रद्द कर दिया।

डेटा बढ़ने की उम्मीद: भूपेश

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सभी वर्गों का सही-सही डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत तक आरक्षण देने का निर्णय लिया है। वर्तमान में सामान्य वर्ग के राशनकार्ड से लाभान्वित लोगों की संख्या का मात्र 8.18 प्रतिशत है।

छूटे हुए परिवारों का आवेदन लेने से इसके 11-12 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। इसी आधार पर सामान्य वर्ग के कमजोर तबके को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया गया। मंत्री मोहम्मद अकबर एवं मंत्री टीएस सिंहदेव सहित अन्य मंत्रियों ने कहा कि राशनकार्ड का डेटा वर्ष 2003 से अब तक राशनकार्ड बनाने के कायदे-कानून एवं समय-समय पर शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए एकत्र किया गया है।

cgnewstime

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