राजधानी का सबसे बड़ा लेकिन खतरनाक चौराहा टाटीबंध, अब वाय-शेप फ्लाईओवर का काम शुरू
रायपुर – राजधानी में लगातार हादसों की वजह से जानलेवा हो चुके सबसे बड़े टाटीबंध चौक पर दो साल की देरी से अब जाकर इंटरचेंज फ्लाईओवर बनाने का काम शुरू हुआ है। मौजूदा चौक तोड़ दिया गया है और गार्डन में बड़े पिलर खड़े किए जा रहे हैं।
फ्लाईओवर का काम तीन प्रमुख सड़कों रिंगरोड-1 और 2 तथा भिलाई रोड की ओर चलेगा। सब तरफ के पुल बनने के बाद इसे ठीक वहीं जोड़ा जाएगा, जहां अभी मेन टाटीबंध चौराहा है। यह सतह से 30 फीट ऊंचा होगा। 98 करोड़ का यह पुल अहमदाबाद की कंपनी बना रही है।
टाटीबंध चौराहा संभवत: प्रदेश का भी सबसे बड़ा चौराहा है। जगदलपुर, बिलासपुर के साथ सराईपाली-महासमुंद जाने वाली गाड़ियां यहीं से गुजरती हैं और प्रदेश के किसी भी नेशनल हाईवे के चौराहे से ज्यादा ट्रैफिक दबाव इस चौक पर है। इस चौक का डिजाइन कई बार बदला गया, लेकिन भूलभुलैया जैसा होने के कारण हादसे नहीं रुके। सरकारी एजेंसियों का दावा है कि इसे बनने में अभी डेढ़ साल और लगेगा।
रोजाना डेढ़ लाख वाहन
अधिकांश हैवी ट्रक
ट्रैफिक पुलिस के सर्वे के अनुसार टाटीबंध चौक से रोजाना यानी 24 घंटे में 1.5 लाख से ज्यादा वाहन गुजर रहे हैं। इनमें 50 फीसदी से ज्यादा गाड़ियां हैवी यानी ट्रक हैं। सिर्फ इस चौराहे पर ढाई साल में 52 लोगों की जान गई है। अब यह और खतरनाक इसलिए हो गया, लेकिन निर्माण का सामान सड़कों पर रखा है और गाड़ियां निकलने की जगह कम है।
अब भी चौराहे पर भटकने लगे हैं लोग
फ्लाईओवर का काम चालू होने के बाद यहां सुबह से रात तक जाम लग रहा है। सड़कें क्लीयर नहीं हैं, इसलिए गाड़ियां भटककर दूसरी सड़कों पर जा रही हैं। प्रदेश में केवल यही अकेला चौराहा है, जहां 24 घंटे ट्रैफिक पुलिस तैनात है। फिर भी परेशानी कम नहीं हो रही है। सुबह 10 से 11 और शाम को 5 से 7 बजे तक दिक्कत ज्यादा है और सालभर रहेगी।