पेड़ पर घोसला बनाकर रहने को मजबूर इंसान, कुनकुरी इलाके में मिला मादा हाथी का शव
जशपुर – जशपुर का कुनकुरी इलाका छत्तीसगढ़ के ऐसे इलाकों में से है, जहां इंसान और हाथी का टकराव होता रहता है। कभी जान इंसानों की जाती है तो कभी हाथी की। यहां लोग पेड़ पर घोसला नुमा झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं। दुनिया के लिए इस तरह के रिहायश शायद एडवेंचर होती होगी, मगर पेड़ पर इस तरह से रहना कुनकुरी के ग्रामीणों की मजबूरी है। ग्रामीण पेड़ पर ये घोसले हाथियों से फसलों की रखवाली के लिए बन रहे हैं।
कुड़ेकेला गांव खतरा ज्यादा
कुनकुरी विकासखंड के ग्राम पंचायत कुड़ेकेला व जामचुआं में किसानों के उड़द, मूंगफली और धान की फसलों को हाथियों का खतरा है। ग्रामीणों के मुताबिक इलाके में 25 से 30 हाथियों का दल इस इलाके में हर रोज रात में खेतों में घुसकर फसलों को चट कर रहा है। यदि उन्होंने फसलों को नहीं बचाया तो साल भर की मेहनत बर्बाद हो जाएगी। कोरोना काल में मजदूरी भी नहीं मिल रही है। फसल बेचकर ही वे सालभर अपना परिवार चलाएंगे। पेड़ पर ऊंचाई में बने इन ट्री हाउसेस से लोग शोर मचाकर पटाकों की आवाज से हाथियों को भगाने और दूसरे ग्रामीणों को सूचित करने का काम करते हैं।
इस तरह बना रहे घोसला
किसानों ने पेड़ पर उंचाई में खाट लगा दी है। बारिश से बचने के लिए या तो कपड़े ताने गए हैं या प्लास्टिक की पन्नी। किसान बिहानु व जगरनाथ राम का कहना है कि उंचाई पर सोते हुए वे बीच-बीच में टार्च जलाकर आसानी से हाथी को देख लेते हैं। यदि हाथी खेत में घुस आता है तो वे पेड़ से ही टिन बजाकर आवाज लगाते हैं और गांव का हाथी भगाओ दस्ता सक्रिय हो जाता है। गांव वाले हाथ में मशाल लेकर, ढ़ोल टिन आदि बजाते हुए सक्रिय होते हैं और हाथी भगाने की कवायद शुरू होती है।
जंगल में पड़ा मिला हाथी का शव
कुनकुरी वन परिक्षेत्र के जंगल में बुधवार को मादा हाथी का शव मिला है। प्रारंभिक तौर पर जांच में ये बात सामने आई है कि हाथियों की आपसी लड़ाई में इस हाथी की मौत हुई। इस साल जिले में हाथी की मौत की यह तीसरी घटना है। अंबाटोली पंचायत की आश्रित चामर बस्ती से लगे हुए वन्य क्षेत्र में हाथी के मृत अवस्था में पड़े होने की सूचना स्थानीय ग्रामीणों ने बुधवार की दोपहर को वन विभाग को दी थी। वनमंडलाधिकारी एसके जाधव ने बताया कि सूचना पर मौके के लिए वनविभाग के अधिकारियों की टीम पहुंच चुकी है। शव का पंचनामा की कार्रवाई पूरी कर पोस्टमार्टम की तैयारी की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हाथी के मौत का असली कारण सामने आ सकेगा।