बसपा नहीं उतारेगी प्रत्याशी, अमित ने कहा – चुनाव नामांकन रद्द करने पर अदालत में दूंगा चुनौती
रायपुर -बहुजन समाज पार्टी मरवाही उपचुनाव से पीछे हट गई है। वह अपना प्रत्याशी नहीं उतार रही है। पार्टी के अध्यक्ष दाऊ राम रत्नाकर ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है। वहीं अमित और ऋचा जोगी की जाति के मामले पर कहा कि यह अनावश्यक उछाला गया मामला है। दरअसल मरवाही सीट पर 3 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के डॉक्टर प्रत्याशी के सामने अमित जोगी ही चुनाव लड़ेंगे। इसी बीच पीसीसी चीफ मोहन मरकाम आज से चुनाव प्रचार के आखिर दिन यानी 1 नवंबर तक मरवाही विधानसभा के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे कांग्रेस का प्रचार करने के साथ ही बूथ मैनेजमेंट को मजबूत करने तथा जमीनी कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करेंगे। कांग्रेस इस बार किसी भी सूरत में मरवाही सीट गंवाना नहीं चाह रही है।
निगम-मंडल के पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी : एक दिन पहले ही पीसीसी ने मंत्री, विधायकों और संसदीय सचिवों की टीम बनाकर पूरे क्षेत्र में उतार दिया है। आज के बाद से एक-एक कर सभी मंत्री, विधायक और संसदीय सचिव अपने प्रभार वाले क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। खबर है कि एक-दो दिन में निगम-मंडल के पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी देकर क्षेत्र में भेजा जाएगा।
चुनाव नामांकन रद्द करने पर अदालत में दूंगा चुनौती: अमित
मुंगेली जिला जाति सत्यापन समिति ने ऋचा जोगी की जाति पर फैसला बुधवार को फिर टाल दिया है। इधर जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा है कि वे और उनकी पत्नी ऋचा जोगी चुनाव लड़ने का अधिकार रखते हैं। यदि उनका नामांकन रद्द करने का दुस्साहस किया जाएगा तो वे पूरी चुनाव प्रक्रिया को अदालत और जनता की शरण में जाएंगे। अमित ने कहा कि कलेक्टर सिर्फ जाति प्रमाण पत्र को अस्थाई रूप से निलंबित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार चुनाव लड़ने का मौलिक अधिकार नहीं छीन सकते। अमित ने कलेक्टर पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष की तरह काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बहुत बड़ी गलतफहमी है कि पिता के स्वर्गवास के बाद वे अनाथ और असहाय हो गए हैं। उनके सिर पर मरवाही के ढाई लाख लोगों का आशीर्वाद है। इसी डर से सरकार ने वहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अमित ने कहा उन्हें अब तक राज्य छानबीन समिति द्वारा ना तो सुनवाई का मौका दिया गया है, ना तो ही उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किया गया है, इसलिए वे वैधानिक रूप से मरवाही से चुनाव लड़ने का अधिकार रखते हैं।