हर आरटीसीपीसीआर टेस्ट में सीटी वैल्यू पिछले महीने आई 20 यानी वायरस शक्तिशाली, अब हुई 40 यानी ताकत आधी घटी
रायपुर -अगस्त अंत और सितंबर में राजधानी और प्रदेश में शक्तिशाली रहा कोरोनावायरस अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से कमजोर होने लगा है। कोरोनावायरस कितना शक्तिशाली है, यह बात आरटीपीसीआर टेस्ट में सीटी वैल्यू से पता चलती है। लेकिन कोई भी लैब इसका खुलासा नहीं करती, क्योंकि यह आम लोगों के काम की नहीं है। टेस्ट में सीटी वैल्यू के डेटा मिले हैं, जिनके मुताबिक सितंबर में मोटे तौर पर राजधानी में कोरोना संक्रमितों के आरटीपीसीआर टेस्ट में सीटी वैल्यू 20 आ रही थी। सीटी वैल्यू के कम रहने का आशय यह है कि वायरस काफी शक्तिशाली है। लेकिन अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से यहां वायरस की सीटी वैल्यू 40 के आसपास हो गई है। डाॅक्टरों का कहना है कि यह वायरस के कमजोर होने का प्रमाण है। सीटी वैल्यू जितनी अधिक होगी, वायरस उतना कमजोर होगा और मरीज में वायरल लोड भी कम रहेगा। ऐसा व्यक्ति दूसरे लोगों को आसानी से संक्रमित भी नहीं कर सकता है।
राजधानी के पं. नेहरू मेडिकल कॉलेज की वायराेलॉजी लैब में रायपुर समेत धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार व दूसरे जिलों के सैंपलों की जांच हो रही है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में जब रायपुर में मरीजों की संख्या कम हुई, तो वायरोलॉजी लैब के विशेषज्ञों ने सीटी वैल्यू पर गौर किया। अक्टूबर के पहले सप्ताह में सीटी वैल्यू 30 या ऊपर चली गई थी। दूसरे हफ्ते में यह 35-37 के बीच रही और अब 40 पर पहुंच गई है।
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने सीटी वैल्यू की रिपोर्टिंग नहीं करने को कहा है। इसकी जानकारी मरीजों को भी नहीं दी जाती, क्योंकि यह फिगर उनके लिए उपयोगी नहीं है। डॉक्टरों को ही सीटी वैल्यू की जानकारी दी जाती है। मना करने के पीछे का कारण है कि कोरोना का इलाज एक जैसा ही रहता है, चाहे वायरल लोड कम हो या ज्यादा। बीमारी के हिसाब से उन्हें जरूरी दवा दी जाती है। दूसरी गंभीर बीमारी है तो मरीज को उसकी दवा दी जाती है।
ऐसे समझें: सीटी वैल्यू ज्यादा यानी वायरस कमजोर
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अरविंद नेरल के अनुसार जब रायपुर में रोजाना 1000 से 1100 मरीज मिल रहे थे, तब सीटी वैल्यू 20 से कम थी। यानी तब संक्रमितों में वायरल लोड अधिक था। दूसरे शब्दों में तब वायरस ताकतवर और खतरनाक था। अब सीटी वैल्यू 40 तक पहुंचने का मतलब है कि वायरस पहले की तुलना में कम खतरनाक हो गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि जरूरी ऐहतियात न बरतें, क्योंकि लापरवाही से यह खतरा फिर सामने अा सकता है। इसकी वजह यही है कि रायपुर में 70% लोग मरीजों के संपर्क में आकर संक्रमित हो रहे हैं, यानी प्राइमरी कांटेक्ट हैं।
कोरोना कमजोर हुआ, लेकिन सावधानी जरूरी
“सीटी वैल्यू बढ़ने का आशय यही है कि कोरोना वायरस कमजोर हुआ है। इसीलिए मरीज भी कम हुए हैं। प्रदेश में कोरोना अभी ढलान पर है, लेकिन नवंबर के दूसरे पखवाड़े में इसके फिर बढ़ने की आशंका है। इसलिए सावधानी जरूरी है।”
-डॉ. आरके पंडा, सदस्य कोरोना कोर कमेटी