छत्तीसगढ़ के कश्मीर चैतुरगढ़ में माता के बिना दर्शन मायूस होकर लौट रहे श्रद्धालु भक्तगण
3 हज़ार फिट ऊँचे पहाड़ मे माता महिषासुर मर्दिनी का सजा है दरबार
सुशील तिवारी
कोरबा-छत्तीसगढ़कश्मीर के नाम से विख्यात चैतुरगढ़ पर्यटकों के लिए धार्मिक आकर्षण का केंद्र है यहां दूर-दूर से सैलानी और भक्तजन देवी मां के दर्शन और यहां की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने पहुंचते हैं। इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में कलचुरी शासकों ने कराया था छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में इसे विकसित कर रही है जिसे देखने छत्तीसगढ़ प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेश के लोग भी यहां पहुंचते हैं इस बार शारदीय नवरात्रि में कोविड-19 के कारण प्रशासन ने ट्रस्ट को भंग कर प्रशासक की अध्यक्षता में देवी पूजा की अर्चना कर रही है महिषासुर मर्दिनी माता चैतुरगढ़ के प्रति अगाध आस्था रखने वाले भक्तों लगातार यहां परिवार समेत पहुंच रहे हैं पर देवी मां के दर्शन नहीं करने से वह मायूस है।
ट्रस्ट का आपसी विवाद होने कारण प्रशासन की देखरेख में पूजा अर्चना की जा रही है पूर्व ट्रस्ट के द्वारा मंदिर संचालन नहीं किए जाने से लेकर सदस्यों में नाराजगी देखी जा रही है ट्रस्ट के पदाधिकारी ज्ञान सिंह राजपाल, हरिश चंद्र मिश्रा ,प्रभु लाल चौहान, अश्वनी मिश्रा ने पूर्व विधायक बोधराम कँवर के ऊपर आरोप लगाया है कि प्रशासन के साथ दखलअंदाजी कर ट्रस्ट को यहां पर काम करने नहीं दिया जा रहा है जिससे लोगों की आस्था पर ठेस पहुंच रही है रायपुर दुर्ग भिलाई से पहुंचे श्रद्धालु भक्तजन देवी माता के दर्शन के लिए मिन्नत कर रहे है पर प्रशासन किसी को भी पहाड़ पर विराजित माता के दरबार तक पहुँचने रोक लगा रखी है। ऊपर जाने रोकने के लिए पहाड़ के नीचे मुख्य द्वार में ताला जड़ बैरिकेट्स लगा दिए गया है ।जंहा दो पुलिस जवान तैनात है ।