अब हर जिले में खोली जाएगी हमर लैब, 70 प्रकार की खून जांच 50 रुपए से भी कम में
रायपुर-सरकार अब प्रदेश के हर जिले में हमर लैब के नाम से सरकारी पैथालाॅजी लैब शुरू करने जा रही हैं, जिनमें खून की 40 से 70 प्रकार के ब्लड टेस्ट हो जाएंगे और वह भी 50 रुपए से कम में। प्रदेश की पहली हमर लैब प्रयोग के तौर पर राजधानी में फरवरी में शुरू हुई और उसे अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इसलिए इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। दो माह के भीतर अधिकांश जिलों में हमर लैब शुरू हो जाएंगी।
हमर लैब हर जिला अस्पताल में शुरू होगी। अफसरों ने बताया कि जिला अस्पतालों की लैब को ही हमर लैब में डेवलप किया जा रहा है, ताकि वहां सभी तरह की जांच की जा सके। इसके लिए जरूरी व एडवांस मशीनें लगाई जाएंगी। इसके पीछे सरकार की मंशा इतनी ही है कि खून जांच के लिए लोगों को बड़े निजी अस्पताल या निजी लैब पर निर्भर न रहना पड़े। इसका फायदा ये होगा कि ग्रामीण लोगों को भी जरूरी जांच के लिए शहर नहीं आना पड़ेगा। वर्तमान में एचबीए1सी जैसी जांच केवल निजी लैब या अस्पतालों में हो रही है। प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के अलावा यह जांच हमर लैब में होने लगेगी। निजी लैब व अस्पताल में इसके लिए जांच शुल्क 400 से 1200 रुपए है। लोगों को हमर लैब में जांच कराने पर केवल 50 रुपए से कम पैसा खर्च करना होगा।
इसलिए जरूरी है लैब
पीएचसी, सीएचसी से लेकर जिला व मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बिना लैब या डायग्नोस्टिक सेंटर के बीमारी का इलाज संभव नहीं है। उदाहरण के लिए किसी मरीज को बुखार है तो वर्तमान में कोरोना जांच अनिवार्य है। कोरोना कॉल के पहले बुखार के समय मलेरिया, डेंगू या पीलिया की जांच कराई जाती है। ताकि रिपोर्ट से पता चल सके कि मरीज की बीमारी क्या है? रिपोर्ट के आधार पर ही डाॅक्टर मरीज का इलाज शुरू करते हैं।
इस तरह हो रही जांच: हमर लैब में ब्लड ग्रुप, डायबिटीज, लिवर, किडनी, यूरीन के अलावा जापानी इंसेफेलाइटिस, हेपेटाइटिस ए, बी व सी, हिमेटोलॉजी, बायो केमेस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी, सेरोलॉजी समेत 90 जांच हो रही है। जिले में खुलने वाली लैब में सभी जरूरी जांच की जाएगी।
लोगों को निजी लैब जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
“हम सभी जिलों में हमर लैब खोलने जा रहे हैं। इसमें कोई भी व्यक्ति 50 रुपए से कम शुल्क में 70 प्रकार के ब्लड टेस्ट करवा सकेगा। इससे लोगों को निजी लैब में जाने और खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
-टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री