किसान आंदोलन के नाम पर किसान विरोधी नेता और पार्टी अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही- विजय बघेल
देश का आम किसान आंदोलन से दूर है, कृषि कार्य में व्यस्त
कवर्धा- दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्य है कि किसान आंदोलन काम में गुंडा, माफिया तत्वों को घुसाने की कोशिश की जा के नाम पर देश में खेती-किसानी रही है। देश का एक आम किसान, अत्यंत सीधा-साधा, भीला-भाला है, जिसका पूँजीवादी तत्व वारों के शोषण करते चले आ रहे हैं। नये कृषि सुधार कानून से किसानों को ऐसे शोषण से बचाने और फायदा दिलाने की कोशिश की गई है तो ऐसे में किसान विरोधी असामाजिक तत्वों को भारी पीड़ा हो रही है।
सांसद श्री बघेल ने कहा कि किसानों के हैं नाम पर जो आंदोलन चल रहा है, उपद्रेव किया जा रहा उस आंदोलन से देश के आम किसानों से कोई लेना-देना नही है ।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि किसान आंदोलन से देश का आम किसान कही भी नही जुडा है। आम किसान अभी अपनी फसल समर्थन मूल्य में बेच रहा है और रबी फसल बोने की तैयारी कर रहा हैं। किसान आंदोलन के नाम पर जो कुछ उपद्रव किया जा रहा है उससे उसे कोई लेना देना नही है। देश में 60 वर्षों से अधिक समय तक सत्ता में रहने वाली पार्टी ने किसानों की दुर्गति कर दी है ।
खेती किसानी को इतना कमजोर, विपन्न बना दिया गया है कि एक किसान को उसके फसल की, लागत के जितनी कीमत भी नही मिल पाती। वर्षो से किसानों का सिर्फ शोषण हो रहा है। किसानों को अपने फसल औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर करने वाले बिचौलिये भारी मुनाफा कमाते है। नये सुधार कानून से ये बिचौलिये दूर किये जा रहे है। किसानों को अपनी फसल की पूरी कीमत सीधे मिलेगी। आज हम देख रहे है कि आलू-प्याज जैसी चीजे बाजार में 50 से 60 रूपये प्रति किलों बिक रही है। यह मूल्य वृद्धि बिचौलिया के द्वारा की गई है जिन्होंने किसानों से ये चीजें सिर्फ 5 से 6 रूपये प्रति किलों की दर से खरीद ली है। इस ताजा स्थिति से समझा जा सकता है कि किसानों का कैसा शोषण हो रहा है और देश के आम लोंगों को भी मंहगाई से किस तरह से जूझना पड़ रहा है।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि नये कृषि सुधार कानून के नाम पर ढेर सारे भ्रम फैलाये जा रहे हैं। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा भ्रम फैलाने वाले लोगों की मानसिक हालत पर तरस आता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस सीजन में भी खरीदी हो रही है और यह शत् प्रतिशत आगे भी जारी रहेगी। नया फार्म अधिनियम,
मंडियों और किसानों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्सहित करेगा । केन्द्र सरकार, किसानों की
आय बढ़ाने तथा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने कुषि कोष और किसानों का संगठन
बनाने हेतु भी पहल कर रही है। समर्थन मूल्य आगे भी जारी रहेगा लेकिन देश का किसान अब अपनी उपज का मूल्य अपने फायदे के अनुसार स्वयं भी निर्धारित कर सकेगा ।
उन्होंने कहा कि नये कृषि सुधार कानून से किसाना के लिए कृषि उपज मंडी मे ही अपनी फसल बेचना अनिवार्य नही रहेगा। उसे अपनी फसल की जहाँ अधिक कीमत मिलेगी वह उसे वहा बेच सकेगा। उन्होने कहा कि देश के किसानों को आज तक अपनी उपज, अपनी फसल की कीमत निर्धारित करने से वंचित रखा गया है। अब किसानों की यह हक मिलने जा रहा है। अब वह अपनी इच्छानुसार
अपने फसल की कीमत तय कर सकेगा। सांसद श्री विजय बंघल ने कहा के पूरा देश वन नेशन-वन मार्केट के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। नये कृषि कानून से किसानों को भी यह सुविधा भी मिलने जा रही है। किसान अब अपनी फसल कही भी बेच सकेगा ।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि यह विडम्बना है कि जिन लोगों का खेती-किसानी से कोरई लेना -देना नही है, जो सिर्फ मुनाफाखोर और पूँजीपति है ऐसे माफिया तत्व किसान आंदोलन के अगवा बन गये है। उन्हे किसानों के हित और खेती- किसानी से कोई लेना-देना नही है इसलिए ऐसे लोग कुछ भी बयान दे रहे है। किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं का जीवनी आप पढ़
लीजिए आधे से अधिक नेताओं को खेती किसानी का कोई अनुभव नहीं है और अपना किसान संगठन बनाकर इस बिल का विरोध कर रहे है। किसानों के समर्थन में भारत बंद कराने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां एक साथ एक मंच पर आ गए फिर भी भारत बंद का कही भी कोई असर देखने को नहीं मिला।
नये कृषि सुधार कानून के माध्यम से अनुबंध खेती की जा सकेगी। इस अधिनियम मे यह सुनिश्चित व्यवस्था की गई है कि खेत का स्वामित्व किसान के पास की रहेगा, अनुबंध केवल फसल का किया जायेगा। माफिया तत्व फैला रहे है कि किसानों की जमीन छीन ली जायेगी। खेत जमीन छीनने के लिए अनुबंध कर लिया जायेगा। किसानों को अपनी मिट्टी, भूमि से अथक प्यार, स्नेह है और कृषि भूमि उससे कोई कभी नही छीन सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश की केन्द्र सरकार किसानों के हित में लगातार निर्णय ले रही है। नये कृषि कानून से किसानों का भाग्य बदलने वाला है। कृषि क्षेत्र में जो कमिया हैं, मूलभूत समस्याएं है उसकों दूर करने की कोशिश हो रही है। जिन लोगों के पास कोई मुद्दा नही रह गया है वे लोगों को गुमराह कर, झुठी बाते फैलाकर
किसान आंदोलन के नाम पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे है। माफिया तत्व तो इस आंदोलन में मारकाट मचानें, उपद्रव फैलाने की कोशिश में भी लगा हुआ है। केन्द्र सरकार किसानों के प्रतिनिधियों से उनके मांगों के संबंध में लगातार बातचीत भी कर रही है । देश की आम जनता और किसानों को उनके हित से कोई वंचित नही कर सकेगा और शोषक वर्ग का शोषण अब हर जगह बंद होगा ।
केन्द्र की भाजपा सरकार सदैव किसान हित मे कार्य कर रही है । केन्द्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सदैव नया प्रयास कर रही है। किसान सम्मान निधि योजना जिसका उकृष्ट उदाहरण है। किसान विरोधी राजनीतिक पार्टी और नेता किसान आंदोलन के नाम पर अपना राजनीतिक रोटियां सेक रही है। देश का आम किसान इस आंदोलन से दूर है।