अपनी घोषणापत्र में किए वायदों को भूपेश बघेल भूल गए है- डाॅ. रमन सिंह
कांग्रेस का काम ही रहा है भ्रम फैलाना - धरमलाल कौशिक
कवर्धा- भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पूरे प्रदेश में किसानों के हितों और ऐतिहासिक कृषि अधिनियम पर देशव्यापी जनजागरण अभियान को लेकर शुक्रवार को कवर्धा के गांधी मैदान में किसान महा पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद संतोष पाण्डेय, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह सहित प्रदेश व जिले के कई नेताओं के साथ हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए।
किसान महा पंचायत को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के सरकार में आने के बाद दो साल में जो प्रदेश में जो हालात है। कवर्धा और जिले के ग्रामीण क्षेत्र की है। जनता के मन में जो पीड़ा है, आक्रोश है किसानों के मन में इस सरकार के प्रति कितनी नाराजगी है, चार घंटे से लगातार हजारों किसान यहाॅं बैठे हुए है इससे पता चल रहा है। किसानों ने कांग्रेस के इस सरकार को उखाड़ फेकने के लिए आज से तैयारी शुरू कर दिए है। ये भूपेश बघेल की सरकार और इसका भय और आतंक। किसान महा पंचायत में बताना चाहता हूॅं किसानों का सबसे बड़ा शोषण यदि इन दो साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में हुआ है। जब हम छत्तीसगढ़ में किसानों की बात करते है तो भूपेश बघेल को उनकी घोषणापत्र दिखाते है। उन्होने जो वादा किया था घोषणापत्र में उसका क्रियान्वयन में भूपेश बघेल सरकार असफल रही है। कांग्रेस और भूपेश बघेल ने किसानों से वायदा किया था पच्चीस सौ रूपया धान खरीदी की कीमत देंगे। अकेला हिंदूस्थान या दुनिया में ऐसा कोई व्यापारी नही होगा या सरकार नही होगी जो धान खरीदने के बाद बारह महीने में पेमेंट देता है लेकिन वो छत्तीसगढ़ में होता है। पिछले साल की धान खरीदी का पैसा अभी तक नही मिला है। मार्च से पहले नही मिलेगा। अभी जो धान बेचेंगे उसका पेमेंट डेढ़ साल बाद मिलेगा। 25 सौ रूपया पेमेंट करने की बात डेढ़ साल इंतजार कर रहा है किसान । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भूल गए है कि घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से उन्होने कहा था पिछले दो साल का बोनस ग्यारह हजार करोड़ रूपए किसानों को दिया जाएगा । अभी दो साल निकल गया, दो साल में ग्यारह हजार करोड़ किसान का बकाया सरकार के उपर है उसे देने को तैयार नही। यह दूसरी बड़ी असफलता है इस सरकार की। कांग्रेस ने वायदा किया था छत्तीसगढ़ की जनता से कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी करेंगे लेकिन आज गली गली में शराब बिक रहा है, घर पहुॅंच सेवा हो रही है। शराब केवल दुकान में ही नही बिक रहा है बल्कि दुकान के साथ साथ अवैध रूप से हर दारूभट्टी में बीस प्रतिशत अवैध रूप से बिक रहा है। दो साल पहले रेत का कीमत दस हजार रूपय था लेकिन कांग्रेस सरकार के आने के बाद से 35 से 40 हजार रूपए हो गया है उसका बाकी पैसा किसके जेब में जा रहा है। इसका हिसाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देना होगा। एक साल में 255 किसान आत्म हत्या करते है, यह इस सरकार का दो साल का कार्यकाल है। क्या लूट है, भ्रष्टाचार है । कवर्धा में तो भय और आतंक का ऐसा माहौल बन गया है कि यदि एक मासूम बेटी के साथ बलात्कार होता है और विद्यार्थी परिषद के लोग न्याय के लिए प्रदर्शन करते है तो पुलिस आरोपी को नही पकड़ती मगर विद्यार्थी परिषद के लोगों को जेल में डाल दिया जाता है। यह भूपेश सरकार का कारनामा है। आज आप सही बात नही बोल सकते, ईमानदारी की बात नही कर सकते । आज भूपेश बघेल की सरकार में प्रदेश का यह हालात हो गया है कि पहले मेडिकल काॅलेज, इंजीयरिंग काॅलेज में पेमेंट शीट पर एडमिशन करते थे आज उच्च अधिकारी के कुर्सी के लिए बोली लगती है जो जितनी अधिक पैसा देगा वो वहाॅं का अधिकारी बनेगा। गली गली में अपराध हो रहा है, प्रदेश और जिले के वनांचलों में जंगल कट रहा है। दो साल में क्या तबाही मचाना चाहते है। पंद्रह साल की ऐसी भूख है कांग्रेस को । इनको पता है जितनी लूट सको लूट लो फिर ऐसा दोबारा समय नही आएगा। कांग्रेस को मालूम है कि अभी तो पंद्रह साल के लिए गए थे अब पच्चीस साल भी नही आ सकते।
डाॅ. सिंह ने कहा कि अपने शासनकाल के दो वर्षों की उपलब्धियों का ढोल पीट रही प्रदेश सरकार को अपनी जमीनी सच्चाई का भान ही नहीं है। प्रदेश के आम नागरिकों के साथ-साथ अब तो निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी संत्रस्त हो चले हैं।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. सिंह ने कहा कि आदिवासियों के साथ तो प्रदेश सरकार ने हर कदम पर छलावों की मिसाल खड़ी की ही है, पंचायतों में निर्वाचित आदिवासी जनप्रतिनिधियों को भी हताश-निराश करके रख दिया है। यह प्रदेश सरकार के कलंकित कार्यकाल का एक नमूना है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जिन्हें कभी किसानों से मतलब ही नहीं रहा है, वह आज किसानों की हितों की बात केवल अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए कर रहे हैं। कृषि अधिनियम किसानों के हित में हैं, केवल कुछ लोग भ्रम फैलाकर किसानों का तथाकथित हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे जनता भली-भांति समझती है। उन्होंने कहा कि इस बिल से किसी किसानों का अहित नहीं हो रहा है लेकिन कुछ सियासी दलों की सियासी जमीन खिसक रही है, जिससे वे चिंतित हैं। श्री कौशिक ने कहा कि यह बिल किसानों की समग्रता के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
राजनांदगांव सांसद संतोष पाण्डेय ने कवर्धा में हुई पुलिसिया बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि न्याय की प्रत्याशा के साथ प्रदर्शन कर रहे युवाओं के साथ पुलिस ने जिस तरह की कार्रवाई की, उससे लगता है कि न्याय के लिए लड़ने वाले लोगों के साथ प्रदेश की सरकार कहीं भी नहीं खड़ी है और अन्याय करने वाले इस सरकार के प्रिय पात्र हैं। जिस तरह से पुलिस कार्रवाई कर रही है, यह प्रदेश व कवर्धा की जनता भलीभांति जानती है कि आखिरकार किसके इशारे पर यह सब हो रहा है? श्री पांडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस तरह से पूरे आंदोलन को कुलचने का प्रयास किया है, उससे यह भी स्पष्ट होता है कि बेटियों की रक्षा करने विफल सरकार को बेटियों की अस्मिता की कोई चिंता नहीं है।
भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि इस महा पंचायत में पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता अपनी सहभागिता दिया है। आज कवर्धा का हर किसान कांग्रेस की झूठ को भालिभांती समझ गया है। किसान अब भाजपा के साथ, केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि सुधार कानून का समर्थन कर रहे है। किसानों ने तय कर लिया है कि अब आने वाले समय में कांग्रेस को सबक सिखाता हुए छत्तीसगढ़ में फिर से भाजपा की सरकार बनाएंगे। उन्होने किसान महा पंचायत में शामिल हुए सभी किसानों और अतिथियों के लिए आभार भी व्यक्त किया।
किसान महा पंचायत में पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, रामकुमार भट्ट, ओमप्रकाश जोशी, संतोष पटेल, भरत वर्मा, गोपाल साहू सहित हजारों की बड़ी संख्या में किसान व भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।