दो जून की रोटी जुटाने रस्सी पर करतब दिखाने मजबूर है अमोरा गांव की 8 वर्षीय भारती
गेवरा दीपका @sushil tiwari
सरकार बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन स्कूल जाने के दिनों में पढ़ाई करने की बजाए चौक चौराहे में घुमघूमकर 8 साल की बालिका रस्सी पर चढ़ करतब दिखाकर परिवार का पेट पालने मजबूर है । और अपनी जान हथेली पर रख कर पेट के खातिर करतब दिखा रही थी। नन्ही बालिका के जान हथेली पर रस्सी पर चढ़ कर चलने के इस दृश्य को देख कर कई दर्शकों की आंखे आंसुओं से छलक उठी। उपस्थित लोगों ने बालिका के करतब से खुश होकर अपने जेब से नगद पैसे ढीले किये।
दीपका के प्रगतिनगर ,बसाहट, ज्योतिनगर,कटघोरा रोड समेत कई जगह घुमघूमकर अपना करतब दिखा रही है ,जांजगीर की अमोरा गांव की नट परिवार की नन्ही बालिका भारती रोड किनारे तम्बू की रस्सी पर चढ़कर रस्सी पर चलते हुए विभिन्न करतबो के माध्यम से मनोरंजन कर हुनर दिखा रही थी, लोगो की निगाह बालिका के करतब को देखने मजबूर हो गए। धीरे धीरे कर वंहा इस करतब को देखने के लिए कई लोग इकट्टा हो गए। पहले वे बालिका यह खतरनाक खेल देख कर काफी रामोचिंत हुए और लेकिन नन्ही बालिका के इस खतरनाक खेल को देख कर वे भावुक हो गए और कईयों की आंखों से आंसू झलक उठे।
वंहा उपस्थित शंकर राठौर ,संतोष चंद्रा,अनिल मिश्रा ,हरिशंकर चौबे, सुखनंदन,मदन अग्रवाल, विनोद कुमार,गज्जू राठौर, रामरतन राठौर,अशोक श्रीवास,नरेश ढीमर,अनिल साहू समेत कई लोगो ने बालिकाओं की इस हालत पर गहरा अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि स्कूल जाने के दिनों में रस्सी पर चढ़ कर करतब दिखाना कतई ठीक नहीं है, सरकार को चाहिए कि ऐसे गरीब परिवारों की बालिकाओं को अपनाते हुए उन्हे शिक्षित करें। करतब पूरा होने पर सभी ने जोरदार तालियां बजा कर भारती व उसके पिता गौरीशंकर नट का उत्साह वर्धन किया और उसे नकद राशि भी प्रदान किया।
हमारे दीपका संवाददाता सुशील तिवारी से बात करते हुए भारती के पिता गौरीशंकर ने कहा कि उनकी कई पीढ़ियां इस करतब के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करने का प्रयास करती है जिससे लोग खुश होकर उन्हें नगद पैसे को देते हैं जिससे उनके परिवार की दो वक्त की रोटी मुहैया हो जाती है और उनके परिवार का गुजर बसर भी चलता है ।