रायपुर निगम का नेता प्रतिपक्ष तय करने 8 माह बाद बैठे, एक नाम पर सहमति नहीं
रायपुर – रायपुर नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए आठ महीने के बाद गुरुवार को भाजपा के बड़े नेता बैठे, लेकिन एक नाम तय करने के बाद पांच नाम का पैनल बनाकर बैठक खत्म कर दी। अब पितृ पक्ष के बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा। मुख्य रूप से मीनल चौबे, सूर्यकांत राठौर, मृत्युंजय दुबे और सरिता वर्मा के नाम की चर्चा है। एकात्म परिसर में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पूर्व विधायक नंदे साहू सहित पार्षदों की बैठक हुई। निगम चुनाव के आठ महीने बाद यह बैठक हुई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष का चुनाव करना था। हालांकि बैठक में किसी एक नाम पर मुहर नहीं लगाई जा सकी। तीन बार की पार्षद मीनल, पिछली बार नेता प्रतिपक्ष रहे सूर्यकांत और पांच बार का पार्षद मृत्युंजय के नाम ज्यादा प्रमुखता से उभरे। मृत्युंजय निगम की राजनीति में सबसे सीनियर हैं, जो निर्दलीय जीतते रहे हैं। उन्हें मेयर का दावेदार भी माना गया था। सूर्यकांत को नेता प्रतिपक्ष रहने का पुराना अनुभव है। नए समीकरण के हिसाब से मीनल को भी पार्टी प्रमोट कर सकती है।
अपने लोगों को प्रमोट करने का दबाव
नगर निगम चुनाव में मेयर बनाने के लिए भाजपा 7 नंबर से पीछे रह गई थी। भाजपा के 29 पार्षद जीते थे, जबकि कांग्रेस के 34 और 7 निर्दलीय पार्षद जीते थे। हालांकि निर्दलीय पार्षदों का झुकाव भाजपा की ओर था, लेकिन संगठन की ओर से मजबूत कोशिश नहीं की गई, इसलिए वे कांग्रेस से जुड़ गए। भाजपा के बड़े चेहरे चुनाव में हार गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए कोई पहल नहीं की गई।
इधर, साय से पूछे बिना बलरामपुर में बनाई टीम
राजधानी ही नहीं, बलरामपुर जिले से भी नई कार्यकारिणी पर विवाद की जानकारी सामने आई है। खबर है कि नए अध्यक्ष गोपाल मिश्रा ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और संगठन महामंत्री पवन साय से अनुमति लिए बिना ही अपनी कार्यकारिणी घोषित कर दी। इसे लेकर कार्यकारिणी में जगह नहीं पाने वालों ने विरोध शुरू कर दिया है। हालांकि इस संबंध में पार्टी की ओर से फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
अब शंकरनगर मंडल भंग करने उठी मांग
शंकरनगर मंडल में चल रहे विवाद में गुरुवार को एक नया मोड़ आ गया। नई कार्यकारिणी से इस्तीफा देने वाले उपाध्यक्ष नरेंद्र निर्मलकर ने कार्यकारिणी भंग कर नए सिरे से नियुक्तियां करने की मांग की है। नरेंद्र ने अपने साथ इस्तीफा देने वाले भरत बया, प्रकाश सिन्हा, मनोज देवांगन, शरद सोनी, गनु बाला, मीना सेन, उमेश्वरी चंद्राकर, गायत्री चंद्राकर, अनिल बाघ, अजय वर्मा, उमाशंकर यादव, सुलोचना नेताम व पंकज डागा की ओर से कहा है कि पार्टी विरोधी काम करने वालों को कार्यकारिणी में शामिल करने के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दिया है। उनका इस्तीफा नए जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी को लेकर नहीं है। शंकरनगर मंडल अध्यक्ष अनूप खेलकर को जिम्मेदार मानते हैं।