रायपुर । छत्तीसगढ़ में कोरोना का असर आस्था पर भी पड़ रहा है। पिछले साल की तरह इस साल भी चैत्र नवरात्रि में अब 4 दिन ही शेष हैं, लेकिन कोरोना ने एक बार फिर मां और भक्तों के बीच की दूरी बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि 9 से 19 अप्रैल तक सभी धार्मिक केंद्र बंद रखे जाएं, जिसके बाद मंदिर समितियों ने भक्तों की मनोकामना जोत नहीं जलाने का फैसला लिया है। परंपरा न टूटे इसलिए मंदिरों में सिर्फ राज जोत जलाई जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले साल भी चैत्र नवरात्रि से ऐन पहले लॉकडाउन लगने से शहर के देवी मंदिरों में भक्तों की जाेत नहीं जलाई गई थी। महामाया मंदिर में ट्रस्ट कमेटी की बैठक में तय हुआ कि मंदिर में इस बार भी मनोकामना जोत नहीं जलाई जाएगी। जो 5 हजार भक्त पंजीयन करवा चुके हैं उन्हें इंतजार कराना होगा। उनकी जोत शारदीय नवरात्रि में जलाई जाएगी। संक्रमण को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट को यह फैसला लेना पड़ा। लॉकडाउन में लोगों को कहीं आने-जाने की मनाही है। जोत की सेवा के लिए कम से कम 35 लोग लगते हैं। यदि 35 लोग रोज मंदिर पहुंच भी जाते हैं तो यह सुनिश्चित करना कठिन है कि वे एक-दूसरे के संपर्क में न आएं। ऐसे में मनोकामना जोत नहीं जलाने का फैसला लिया गया है।
किस मंदिर में कैसी व्यवस्था
1. जेल रोड स्थित चामुंडा माता मंदिर में इस बार जोत नहीं जलाई जाएगी, लेकिन पाठ होगा।
2. बंजारी धाम में पिछले साल की तरह इस बार भी होगा नुकसान, क्योंकि तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।
3. काली मंदिर में 1 हजार जोत जलाने के लिए रायपुर कलेक्टर से अनुमति मांगी जाएगी। हालांकि लॉकडाउन लग चुका है, इसलिए अनुमित की उम्मीद कम है।
4. बंजारी मंदिर में 5 प्रधान जोत जलाएंगे, 9 दिन मंदिर के अंदर ही पुजारी रहेंगे।