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कवर्धा : 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र का पावन पर्व आरंभ, किसी को नहीं मिलेगी मंदिर में प्रवेश की अनुमति, पढ़िए कलेक्टर का दिशा निर्देश

कवर्धा । छत्तीसगढ़ में कोरोना ने तांडव मचा कर रखा है। कबीरधाम जिले में भी कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है, जिसकी वजह से यहां आंशिक लॉकडाउन किया गया है। कल यानी 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र का पर्व है। इस दौरान माता के दर्शन के लिए मंदिरों में जनसैलाब उमड़ पड़ता है लेकिन कोरोना की वजह से सब फीका पड़ गया है।

चैत्र नवरात्र के लिए कलेक्टर ने जारी किया दिशा निर्देश –

जारी आदेश के अनुसार, पुजारी को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, ज्योति कलश, जंवारा दर्शन केवल मंदिर परिसर के बाहर से ही किया जा सकेगा, मंदिर समिति अथवा घर में ज्योति, जंवारा होने पर समिति, प्रबंधक, संस्थान एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जाएगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।

मंदिर, जंवारा दर्शन हेतु व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी, थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी व्यक्ति, समिति की होगी।

मंदिर, ज्योति कलश, जंवारा दर्शन में आने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा, ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जाएगा। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिसटेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मंदिर, ज्योति कलश, जंवारा दर्शन की अनुमति नहीं होगी।

नवरात्रि पर्व के समय ज्योति कलश, जंवारा विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। नवरात्रि पर्व के दौरान ज्योति कलश, जंवारा विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने अथवा प्रसाद, चरणामृत या काई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी।

ज्योति कलश, जंवारा विसर्जन के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा तथा मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने एवं शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 1 से 80 एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डनीय होंगे।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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