कबीरधाम : भाई-बहन का बाल विवाह, धमकी महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम, परिजन रह गए हक्के-बक्के, फिर
कबीरधाम । दूरस्थ वनांचल ग्राम मुड़वाही में नाबालिग भाई-बहन की शादी आयोजन किया गया। लेकिन परिवार की मंशा में उस समय पानी फिर गया जब महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर आ धमके।
बता दे कि नाबालिग बालक का विवाह गांव की ही बालिका से और बालिका का विवाह समीप के गांव के बालक तय हुआ था। कार्यक्रम स्थल पर पहुंची टीम ने भाई-बहन की शैक्षणिक अंकसूची और उम्र संबंधी प्रमाण पत्रों का सूक्ष्म परीक्षण किया, जिसके अनुसार बालिका की आयु 17 वर्ष एवं बालक का उम्र 20 वर्ष थी, जो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत् विवाह योग्य नहीं है।
बाल विवाह से होते है ऐसे दुष्प्रभाव –
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी संदीप पटेल ने मौके पर उपस्थित लोगो को बाल विवाह से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया बाल विवाह की वजह से लड़कियां छोटी उम्र में ही गर्भवती हो जाती है, जो उनके लिए अच्छा नहीं है इससे उनकों जान का खतरा हो सकता है। बाल विवाह की वजह से लोगों को पढ़ने का मौका नहीं मिलता और वे गरीबी की चपेट में फंस जाते है। लोगों को कम समझ के कारण, शादी-शुदा जाड़ों के बीच संबंध कभी अच्छे नहीं हो पाते। जीवनभर के परेशानियां आती रहती है। इसलिये बाल विवाह नही करना चाहिए साथ ही यह भी बताया कि समाज से बाल विवाह कुरीति को समूल समाप्त करने जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम दूरस्थ वनांचल में भी पैनी नजर रख सतत निगरानी कर रही है।
बालविवाह के लिए कड़ा क़ानून –
महिला सेल थाना प्रभारी रमा कोष्टी ने मौके पर उपस्थित लोगो को महिलाओ एवं बच्चों के अधिकार एवं संरक्षण बने कानूनों नियमों के बारें में बताया। महिला एवं बाल विकास विभाग से जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर ने मौके पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को इस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, उसे 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है इसलिये इससे बचे।
आखिरकार मान गए परिजन –
दोनों पक्षो को काफी समझाइस देने के बाद नाबालिक बालक बालिका व परिवार जनों ने शादी रोकने सहमति दी, जिस पर बाल विवाह रोकथाम दल ने मौके पर ही दोनो पक्षों को शादी स्थगित करने तथा दोनों बच्चों का उम्र विवाह योग्य होने के पश्चात विवाह करने उनके परिजनों से घोषणा पत्र भरवाकर एवं पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रूकवाया।
इन अधिकारियों की रही उपस्थिति –
बाल विवाह रोकथाम के दौरान मौके पर संदीप पटेल बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा परियोजना बोड़ला, रमा कोष्टी थाना प्रभारी महिला सेल, सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्यामा धुर्वे आउटरीच वर्कर महिला एवं बाल विकास विभाग, व्यास सिह परमार थाना प्रभारी झलमला, कविता कुमेठी आरक्षक महिला सेल, राजेन्द्र मरकाम आरक्षक, लखन सिंह टेकाम उप संरपंच, रज्जू सिंह बैगा पंच, जेवंती मानिकपुरी संतोषी मानिकपुरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सदस्य बाल संरक्षण समिति, सीएफ के सुरक्षा जावन एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे एवं बाल रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।