कबीरधाम : हड्डी रोग विभाग कर रहा एक के बाद एक सफल ऑपरेशन, रंग ला रहें कैबिनेट मंत्री अकबर के प्रयास, हर रोग का इलाज जिला अस्पताल के पास
कबीरधाम । शासन व जिला प्रशासन जिले को “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः” की तर्ज पर बीमारियों से मुक्त करने की राह पर चल रही है।
इसके लिए कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रयासों को अहम माना जा रहा है। उनके द्वारा कोरोना काल हो या इससे पूर्व, स्वास्थ्य विभाग में संसाधनों व स्टाफ की पर्याप्त पूर्ति की जा रही है। जिला अस्पताल में लंबे समय से खाली विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती के लिए भी मंत्री व जिला कलेक्टर ने संयुक्त प्रयास करके व्यवस्था सुनिश्चित किया।
इसी का परिणाम है कि जिला अस्पताल में स्त्री रोग, हड्डी रोग, नेत्ररोग, शिशुरोग व अन्य विभागों में अनेक बेहतर सेवाएं चालू हो चुकी है। इसके साथ-साथ अब हड्डी रोग विभाग में भी अनेक जटिल और मंहगे प्रकरणों का निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया जा रहा है। जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल में भी चिकित्सकों की लगन सराहनीय है।
लाखों का ऑपरेशन हो रहा फ्री में –
जिला अस्पताल में डॉ. आदित्य चंदेल व उनकी टीम द्वारा अब लगभग 200 से अधिक सर्जरी की गई है, इनमें 75 अति गम्भीर मामलों का ऑपरेशन किया जा चुका है। टीम ने कम्पाऊण्ड फ्रैक्चर बोथ बॉन लेग का इलिजारो पद्धति से उपचार किया।बताया जाता है कि निजी क्षेत्रों में ढाई से 3 लाख तक का खर्च इस ऑपरेशन में आ जाता है। इसी प्रकार ऑस्टोटॉमी, ओपन फ़्रैक्चर, रेल रॉड फ़्रैक्चर, हेमेरिपेल प्लेसमेंट हिप्स, इन्टरार्टिकुलर फ्रेक्चर आदि अनेक समस्याओं का सफल उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में इनका 50 हजार से 3 लाख रुपयों तक खर्च आता है, जिला अस्पताल में यह सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।
17 वर्षीय बालक का सफल ऑपरेशन –
वही, शनिवार को भी एक ऐसा ऑपरेशन हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों डॉ. आदित्य व प्रांजल की टीम द्वारा किया गया है। विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि 17 वर्षीय बालक के जांघ की हड्डी टूटने पर 8 माह पहले उसका किसी निजी चिकित्सालय में उपचार कराया गया था। जांघ को सपोर्ट के लिए 4 रॉड डाला गया था, जिसमें दर्द बढ़ने की शिकायत लेकर मरीज जिला अस्पताल आया था। जांच में पाया गया कि जांघ में अंदरूनी घाव के कारण पस आने लगा था और तत्काल ऑपरेशन करके रॉड को हटाया जाना जरूरी है। अतः पूरी जांच के बाद ऑपरेशन आयोजित कर बच्चे के पैर सुरक्षित कर लिए गए हैं।
चिकित्सकों ने बताया कि यदि निजी क्षेत्रों में यह ऑपरेशन कराया जाता तो मरीज के परिजनों को लगभग 50,000 तक का खर्चा वहन करना पड़ता, लेकिन शासकीय अस्पताल में यह सेवा निःशुल्क उपलब्ध है।