कवर्धा : 9 माह से लेकर 66 वर्ष तक परिवार का हर सदस्य हुआ कोरोना संक्रमित, होम आइसोलेशन में जीता जंग, जानियें इनकी दिलचस्प कहानी
कवर्धा। ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ सन्त कबीर की इन पंक्तियों की अहमियत कोरोना काल में अत्यधिक बढ़ गई है। बहुत से लोग हैं, जो होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना की जद से बाहर आ रहे हैं।
कवर्धा के वार्ड नम्बर 8 में एक इसी तरह का परिवार है, जहां कोरोना के कारण 9 सदस्यीय परिवार के 8 माह की बच्ची से लेकर 66 वर्षीय दादा भगवान सिंह तक पूरे परिवार को होम आइसोलेशन में रहना पड़ा।
दरअसल, इनके परिवार ने हाल ही में कोरोना से जंग जीत लिया है। 17 दिनों तक होम आइसोलेशन शासकीय दवा और कंट्रोल रूम से आने वाले कॉल के माध्यम से गाइड लाइन को फॉलो करने वाले इस परिवार ने बताया कि यदि मनोबल ऊँचा रखा जाए तो हर मुश्किल से पार निकला जा सकता है। परिवार के 66 वर्षीय भगवान सिंह ठाकुर, 62 वर्षीय शारदा देवी ठाकुर, 33 वर्षीय दीपक ठाकुर, हेमन्त ठाकुर, कुसुम ठाकुर समेत 4 वर्षीय काव्यराज, 3 वर्षीय तिथि ठाकुर पिता दीपक ठाकुर, 9 माह की अधिश्री (मीठी) पिता हेमन्त ठाकुर का जांच के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था।
कोविड कंट्रोल रूम के कॉल से मिली हिम्मत –
भोरमदेव थाना में पदस्थ आरक्षक हेमन्त ठाकुर की पत्नी डिम्पल (डॉली) व दीपक की पत्नी कुसुम सिंह जो स्वयं व्याख्याता हैं, लेकिन कोविड काल में मनोबल मजबूत नही थी। परिवार छोटे बच्चों और घर के बुजुर्गों की सेहत के लिए भयभीत था। परिवार के सदस्य बताते हैं कि उनके पास कोविड कंट्रोल रूम से रोज काउंसलिंग के लिए कॉल आता था, जिससे उन्हें अपनी शंकाओं का हल मिलने लगा और उनका मनोबल मजबूत होता गया। पुरे परिवार ने मनोबल बढाकर कोरोना के खिलाफ जंग में समझदारी दिखाते हुए गाइड लाइन का पालन किया और परिणाम स्वरूप अब पूरा परिवार कोरोना मुक्त है।