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कबीरधाम : ब्लैज फंगस से बचना है तो कोरोना को रोकना है जरूरी, ए.पी. फाउंडेशन के फाउंडर ने बताया कैसे कर सकते है अपना बचाव …

कबीरधाम । कोरोना की दूसरी लहर से हम सब उबर भी नही पाए है और ब्लैक फंगल नामक नई महामारी हमारे सामने आ खड़ी हुई है। जब शत्रु अदृश्य हो कर छिप कर वार करता है तो वो हमेशा हमे ज्यादा नुकसान पहुचता है। ये दोनों बीमारी भी कुछ इसी प्रकार से हमे संक्रमित कर रही है और प्रतिदिन कई लोगो की मृत्यु का कारण बन रही है।

आइये आज ब्लैक फंगल क्या है इसे जानने की कोशिश करते है।

संक्रमण मुख्यतः तीन प्रकार के होते है –

1. बैक्टीरियल
2. वाइरल
3. फंगल

ब्लैक फंगस एक फंगल इन्फेक्शन है जो म्युकरमायोसिस नामक फंगस से होता है।

कोरोना से ठीक हो रहे लोगो मे ये संक्रामण फैल रहा है। –

शुरुआती अनुमान ये था कि शायद औधोगिक ऑक्सिजन गैस के कारण ये फंगल संक्रमण हो रहा है। पर इसकी वैज्ञानिक पुष्टि नही हो पाई है। ये फंगल संक्रमण कोरोना के ठीक हो रहे मरीजो को अपना शिकार बना रहा है। कोरोना से संक्रमित मरीजो का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और कमजोर इम्युनिटी वाले इस बीमारी से संक्रमित हो जाते है। साथ ही लंबी बीमारी से जूझ रहे लोग, अनियंत्रित डायबिटीज के मरीज, स्टेरॉयड का गलत सेवन करने वाले एवं स्किन इंजरी वाले भी अभी इस बीमारी से
संक्रमित हो रहे है।

ये कैसे संक्रमित करता है ? –

अच्छी बात ये है कि ये कोरोना की तरह हवा से हवा में नही फैलता हालांकि ज्यादातर मामलों में ये सांस के जरिये ही शरीर के प्रवेश करता है। अगर शरीर में कोई घाव हो तो वहाँ से भी ये संक्रमण हो सकत है। यह फंगस ज्यादातर जमीन, नमी वाले स्थान, सड़ने वाले पदार्थों में पाया जाता है और वही से ये हमारे हाथों कपड़ो के जरिये संपर्क में आता है। महाराष्ट्र के कोरोना टास्क फोर्स के विशेषज्ञ डॉ तात्याराव भी ये कहते है कि यह बीमारी संक्रामक नही है ये हवा से हवा में नही फैलता है। यह गंदगी और जमीन के संपर्क में आने से फैलता है। पर अभी ब्लैक फंगस संक्रामक नही है ये कहना थोड़ी जल्दीबाजी होगी इसलिये स्वास्थ्य लोगो को भी इस से सावधान रहना होगा।

इसके लक्षण क्या है? –

सरदर्द होना, नाक बंद होना, नाक में जलन, चेहरे पर सूजन, उल्टी आना, बुखार आना, छाती में दर्द, मुंह के ऊपरी हिस्से में आंखों या नाक के आस पास काले घाव होना इसके शुरुवाती लक्षण है।

ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। शरीर के जिस हिस्से में ये संक्रमण होता है वो हिस्सा सड़ सकता है। अगर समय से इलाज नही शुरू हो पाई तो आंखों की रौशनी जा सकती है और इसके कारण मृत्यु भी हो सकती है।

आखिर बचाव क्या है? –

– कोरोना से ठीक हो रहे मरीज साफ सफाई का पूरा ध्यान रखे। – मिट्टी, नमी और कूड़े वाले जगहों से दूरी बना के रखे।
– खासकर वैसे कोरोना मरीज जो डायबिटीज के साथ अन्य दूसरी गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हो।
– अन्य स्वस्थ्य लोग भी एक ही मास्क का बार बार इस्तेमाल न करे और साफ सफाई का ध्यान रखे।
– स्टेरॉयड दवा के साथ ही अन्य दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह से करे।

वही, ए पी फाउंडेशन के फाउंडर अमित कुमार पांडेय ने लोगों से अपील की है कि कोरोना से बचने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करे अगर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर ले तो इससे होने वाले नुकसान को रोक जा सकता है। अस्पतालों में विशेषज्ञ इसका सफलता पूर्वक इलाज कर रहे है और बहुत से लोग ठीक भी हो रहे है।

हमारा ये फर्ज है कि हम बेवजह घर से बाहर न जाये। कोरोना
संक्रमण के चेन को तोड़ने में सरकार को सहयोग करे। अब तो टीका भी आ चुका है कुछ महीनों में सभी का टीकाकरण हो जाय तब तक अपने स्तर पर प्रयास करे भीड़ का हिस्सा न बने। सोचिये ये दूसरी लहर कितनी भयानक है। इस वजह से हमारे कई सारे रिश्तेदार मित्र नही रहे हमारे बीच। सरकार और प्रशासन के लिये इसे नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। ऐसे में हम स्वयं तीसरी लहर को निमंत्रण क्यो दे?

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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