कबीरधाम : जीवन में हो योग का उजियारा, फिर तन और मन स्वस्थ रखना होगा आसान, कलेक्टर ने बताया लाइफ स्टाइल में योगदान
कबीरधाम। 21 जून को योग दिवस के अवसर पर लोगों को योग से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाया जाता है। इस कड़ी में छतीसगढ़ राज्य और कबीरधाम जिले में भी यह दिवस मनाने की तैयारियां हैं। यहां हम यह जानते हैं कि जिले अति महत्वपूर्ण पदों पर आसीन अधिकारी योग के विषय में क्या कहते हैं। उनकी लाइफ स्टाइल में योग किस तरह से उपयोगी है और वे योग से कितना जुड़े हुए हैं।
जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा –
जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा कहते हैं कि योग सही तरह से जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग का अर्थ एकता या बांधना है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द युज, जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बँध, षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शैलेन्द्र कुमार मण्डल –
सीएमएचओ डॉ शैलेन्द्र कुमार मण्डल कहते हैं कि योग सबसे पहले बाहरी शरीर (फिज़िकल बॉडी) को लाभ पहुचाता है, जो ज्यादातर लोगों के लिए एक व्यावहारिक और परिचित शुरुआती जगह है। जब इस स्तर पर असंतुलन का अनुभव होता है, तो अंग, मांसपेशियां और नसें सही तरह से काम नहीं करते हैं, बल्कि वे एक-दूसरे के विरोध में कार्य करते हैं। बाहरी शरीर (फिज़िकल बॉडी) के साथ-साथ योग मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर काम करता है। रोज़मर्रा की जिंदगी के तनाव और अनेक मानसिक परेशानियों से पीड़ित रहते हैं। योग इनका इलाज तुरंत नहीं करता लेकिन इनसे मुकाबला करने के लिए योग सरल विधि है।
डॉ मण्डल कहते हैं कि योग से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है। चिकित्सा शोधों ने ये साबित कर दिया है की योग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए वरदान है। योग से तनाव दूर होता है और अच्छी नींद आती है, भूख अच्छी लगती है, इतना ही नहीं पाचन भी सही रहता है।