गेवरा/दीपका : नेता प्रतिपक्ष को जान का खतरा, अध्यक्ष पति ने गुंडों के साथ मिलकर परिसर में कर दी पिटाई, भाजपा ने की न्याय की मांग, जानिए पूरा विवाद
गेवरा/दीपका। नगर पालिका में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अध्यक्ष पति और नेता प्रतिपक्ष एक दूसरे से भिड़ गए। विवाद से राजनीति गरमा गई है।
क्या हुआ है ? –
दरअसल, दीपका नगर पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के पति जगदीश सिंह ने भाजपा नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव को तमाचा जड़ दिया। अध्यक्ष पति की यह गुंडागर्दी देख वहां भीड़ एकत्रित हो गई। नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव के कान से खून बहने लगा। दोनों पक्षों के समर्थकों में लात-घूंसा जमकर चला और फिर दोनों पक्षों ने दीपका थाना में शिकायत कर दी है। इसके बाद से दीपका में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। दीपका टीआई हरिश्चंद्र टांडेकर ने बताया कि दोनों पक्ष थाना पहुंचे हैं और शिकायत की कार्रवाई चल रही है।
आखिर क्यों हुआ विवाद –
विवाद का कारण टेंडर फॉर्म भरना बताया जा रहा है। वहीं, इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव ने कहा कि आज मुझे जान से मारने की प्लानिंग की गई थी लेकिन मैं बच गया। उन्होंने कहा कि आज टेंडर फॉर्म नगर पालिका में भराया जा रहा था, जिस पर नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मेरे पास कुछ ठेकेदार पहुंचे और उन्होंने अपनी परेशानी बताई, जिसके बाद में और ठेकेदार मिलकर दीपका नगर पालिका गए लेकिन गेट पर ही मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी गई। सब लोगों ने मुझे मिलकर मारा, यहां तक कि मेरे सोने की चेन भी लूट ली गई। इस मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही की जानी चाहिए, वरना भाजपा आंदोलन करेगी जो दोषी है उसे सजा मिलनी ही चाहिए।
नगर पालिका अध्यक्ष के पति ने कहा –
वहीं, इस पूरे मामले में दूसरे पक्ष के जगदीश सिंह यानी नगर पालिका अध्यक्ष के पति का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव 10-20 लड़कों के साथ परिसर पहुंचे, चूंकि आज टैंडर था तो वह जबरन कहने लगे हमें टेंडर चाहिए। इसी बीच धक्का-मुक्की करने लगे। इसके बाद बात बढ़ गई।
विदित हो कि राज्य शासन निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के कामकाज में उनके पति या अन्य का किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं होने, दफ्तर के कामकाज में हरतक्षेप नहीं करने का स्पष्ट निर्देश है। इसके बावजूद नगरीय निकायों से लेकर जिला व जनपद पंचायतों तक में महिला निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कामकाज में उनके पति-पुत्र या रिश्तेदार बराबर हस्तक्षेप करते आ रहे हैं।
इसे लेकर अनेक बार सवाल भी उठे हैं लेकिन अधिकारियों के तटस्थ रवैये चलते उनका हस्तक्षेप बढ़ता ही जा रहा है। नगर पालिका दीपका में हुए विवाद के पीछे भी ऐसे ही वजह सामने आ रही हैं। यहां तक की धमकी चमकी का भी दौर जमकर चल रहा है।