कबीरधाम : राजीव गांधी आश्रय योजना पट्टा पाने तिकड़म कर रहें कांग्रेसी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजा खड़गराज सिंह ने खोली पोल
कबीरधाम। राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत गरीब परिवारों को निवास के लिए पट्टा प्रदान किया जाना है। इस लिए राजस्व विभाग द्वारा सर्वे कर सूची नगर पंचायत स. लोहारा कार्यालय को दिया गया है, जो दावा आपत्ति के लिए प्रकाशित हुआ है।
इसमें ज्यादा मात्रा में दावा आपत्ति आया है। प्रकाशित कॉपी को देखने से पता चलता हैं कि कांग्रेस की जनप्रतिनिधि शासन और प्रशासन को अंधेरे में रखकर व नियमावली को ताक में रखकर पट्टा के लिए आवेदन दूसरे वार्ड में कर रहें हैं, जहां पर ना उनकी काबिज भूमि है और ना वे स्वयं वहां निवासरत है।
बता दे कि कुछ जनप्रतिनिधि अपने बच्चे, तो कुछ अपने भतीजे, कुछ अपने स्वयं के नाम, कोई अपनी पत्नी के नाम पर सरकारी भूमि को हथियाने की मंशा से नगर पंचायत की बेशकीमती भूमि को हथियाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके थे।
यह सब घटना जब नगर की रियासत काल के राजा खड़गराज सिंह की ध्यान में समाचार पत्रों व लोगों की द्वारा बताई गई तो स्वंय पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष ने कलेक्टर कार्यलय जा कर दावा आपत्ति दर्ज करवाया। वही, शासन प्रशासन से निवेदन किया कि जो महत्वपूर्ण योजना गरीब मजदूर आवासहीन व अति पिछड़े लोगों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रशासन के द्वारा लाया गया है, उससे सिर्फ उन्हीं लोगों को पट्टा दिया जाए, जो जरूरत मंद है, जिन्हें सख्त आवास के लिए पट्टा की आवश्यकता है। ना कि सभापति, अध्यक्ष, पार्षद, महामंत्री के रिश्तेदार या परिवार के सदस्यों को, जो उस जगह या वार्ड में काबिज नही है।
शासन अपने सर्वे सूची को जांच परख कर पट्टा हितग्राहियों को प्रदान करने के लिए प्रकाशित करें। यहां पर ये बताना लाजमी होगा कि जो प्रकाशन की कापी सूचना पटल में प्रकाशित है। उसमें बहुत ज्यादा खामी है, जिसे सुधारने के लिए लोहारा नगर पंचायत के वासियों ने आपत्ति भारी संख्या में कार्यालयों में दर्ज कराई है, जिसमें सभापति पार्षद की पत्नी, माता-पिता स्वंय के नामों पर पट्टा के लिए आवेदन किया गया है।
वार्ड क्रमांक 13 के निवाशी राधे यादव ने बताया कि वार्ड क्रमांक 02 के पार्षद प्रतिनिधि व वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद अपने पत्नी के नाम पर वार्ड क्रमांक 13 में खसरा क्रमांक 244 रकबा 0.849 की पट्टा के लिए आवेदन किया है, जबकि इन पार्षदों सभापति व पार्षद पत्नी के कही पर भी 244 खसरा क्रमांक पर कोई भूमि काबिज नही है।
इन सभी का उद्देश्य केवल शासकीय भूमि पर पट्टा प्राप्त कर प्रशासन की बेशक़ीमती भूमि पर कब्जा करने की मंशा प्रतीत हो रही है। अगर ऐसा हो गया तो प्रशासन को भविष्य में विकास कार्य कराने के लिए भूमि की आवश्यकता होगी, तो अड़चनों से गुजरना पड़ सकता है, जिसके लिए स्वयं शासन जिम्मेदार होगा। साथ ही विकास कार्य कराने की लागत भी बढ़ जाएगी। इन सब बातों को ध्यान में ऱखकर शासन प्रशासन पट्टा का वितरण करें।