कबीरधाम : बैगा जनजाति विद्यार्थियों का कॉलेज में एमिशन, एसपी पिछड़ी जनजाति को शिक्षा के लिए कर रहें मदद

कबीरधाम । पुलिस कानून व्यवस्था के साथ-साथ सूदर वनांचल ग्रामों के विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ रहे है। सूदर वनांचल ग्राम के 4 विद्यार्थी जो कक्षा 12 वीं में उर्त्तीण हुए। वे अपने उज्जवल भविष्य सवारने के लिए कॉलेज की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब हाने के कारण कॉलेज की आगे की पढ़ाई करने में कठनाई हो रही थी।
विद्यार्थियों ने अपनी समस्या पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग को बताया। समस्या को सुनते ही तत्काल उन्होने सूदूर वनांचल ग्रामों के बैगा जनजाति के सुखसिंग धुर्वे, श्रवण, रतन और चैतु को बोड़ला एवं कवर्धा कॉलेज में पढ़ाई के लिए फार्म भरवाया। विद्यार्थियों ने जाति प्रमाण संबंधी समस्सया से भी अवगत कराया, जिसको पुलिस अधीक्षक ने संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी से रिकार्ड ढूंढवाकर जल्द ही प्रमाण पत्र बनवाने का आश्वसन दिया।
SP गर्ग के इस मदद से विद्यार्थियों एवं उसके परिजन काफी खुश हुए एवं पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद दिया। सूदूर वनांचल ग्राम आमापानी निवासी रतन सिंह धुर्वे ने बताया कि वह वर्ष 2020-21 में कक्षा 12वीं से अच्छे प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण हुआ। उन्होंने बताया कि मैं अपने आगे कॉलेज की पढ़ाई करना चाहता था। लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आगे की पढ़ाई करने में कठनाई हो रही थी।
हमने अपनी समस्या कबीरधाम पुलिस अधीक्षक गर्ग को अवगत कराया। एसपी ने तत्काल मदद करते हुए प्रथम वर्ष में एडमिशन कराया और आगे हर संभव मदद करने का विश्वास दिलाया।
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि पुलिस विभाग की यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। पुलिस विभाग द्वारा जिला स्तर पर निःशुल्क कोचिंग भी दी जा रही है। उन्होने कहा कि शिक्षा विकास के मुख्य मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित है। युवाओं को आगे बढ़कर लाभ लेना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कबीरधाम पुलिस द्वारा अति नक्सल प्रभावित गांवों के शिक्षा से वंचित युवाओं को जोड़कर मिशाल पेश की है। सामुदायिक पुलिसिंग एवं जन विश्वास योजना को मूर्त रूप देते हुवे क्षेत्र के कई बच्चे पाचवीं, दसवीं पास करने के बाद पांच-छह साल तक पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों के लिए कोचिंग की व्यवस्था कबीरधाम पुलिस द्वारा की गई है। ऐसे बच्चों के लिए किताब व गाइड की सुविधा दी गई और ओपन परीक्षा में बैठाया गया। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक इन बच्चों में से कुल 78 विद्यार्थी दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास करने में सफल हुए है।