कबीरधाम। शहर में हुए हिंसा मामले में पुलिस ने सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक अशोक साहू और मोती राम चंद्रवंशी समेत विहिप भाजपा और भाजयुमो के ज़िला व प्रदेश प्रभारीयों के खिलाफ FIR दर्ज की हैं।
विदित हो कि 5 अक्टूबर को झंडे के अपमान का विरोध करने के दौरान युवक पर जानलेवा हमला हुआ। पुलिस कार्यवाही ना होते देख नागरिक आक्रोशित हो गए, जिसके बाद शहर में स्थिति तनावपूर्ण होने के साथ साथ बिगड़ती चली गई, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ गया।
स्थिति इतनी ज़्यादा बिगड़ी कि प्रशासन ने कर्फ़्यू तो लगाया ही साथ ही कबीरधाम समेत तीन ज़िलों में इंटरनेट पर रोक लगा दी। इस मामले में कवर्धा पुलिस ने क़रीब 59 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इन सबके ख़िलाफ़ 147, 148, 149, 153 क,188, 295, 332, 353, 109 और लोक संपत्ति क्षति धारा 3 की धाराएँ लगाई गई थीं।
एफआईआर में क़रीब चौदह नाम और जोड़े गए –
सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह मोती राम चंद्रवंशी पूर्व विधायक पंडरिया, अशोक साहू पूर्व विधायक कवर्धा, अनिल ठाकुर ज़िला भाजपा अध्यक्ष, विजय शर्मा प्रदेश मंत्री भाजपा, पन्ना चंद्रवंशी, नंदलाल चंद्राकर विहिप ज़िला अध्यक्ष, हुमन पांडेय, भुवनेश्वर चंद्राकर, राहुल चौरसिया कैलाश चंद्रवंशी युवा मोर्चा प्रदेश मंत्री, पीयूष ठाकुर भाजयुमो ज़िला अध्यक्ष राजेश चंद्रवंशी बोड़ेला हिंदु सम्मेलन संयोजक।
सांसद संतोष पांडेय ने कहा –
वही, सांसद संतोष पांडेय ने एफआईआर में नाम जोड़े जाने की पुष्टि करते हुए दावा किया कि उनके सहयोगी के पास FIR की कॉपी उपलब्ध है, जिनमें ये सारे नाम दर्ज है। पुलिस की एफआईआर में नाम जोड़े जाने से क्षुब्ध सांसद संतोष पांडेय ने कहा “थाने के बाहर उत्तेजक नारे लगे, पत्थर चले, पुलिस खड़ी रही छूरे तलवार लहराते रहे, किसी पर भी कोई कार्यवाही नहीं। दुर्गेश की हत्या की कोशिश हुई आरोपी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
भड़के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक –
भाजपा नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस जानबुझकर एक समुदाय विशेष को प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है। एक समुदाय के 76 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन दूसरे पक्ष के लोग खुले में घुम रहे है और एक भी गिरफ्तारी नही हुई है। यह बताता है कि पुलिस एक पक्ष को निशाना बनाकर काम कर रही है।
राज्य सरकार के इशारे पर सरकार द्वारा बहुसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने की कार्यवाई बर्दाश्त नही की जाएगी। यदि पुलिस सांसद समेत वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर दर्ज एफआईआर वापस नही लेती तो बीजेपी इसकी कड़ी प्रतिक्रिया देगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक कर इस मामले में आगे की रणनीति तय की जायेगी।
राज्य में 15 साल बीजेपी की सरकार रही लेकिन कही भी दो समुदायों के बीच उपद्रब की स्थिति निर्मित नही हुई थी लेकिन कांग्रेस के 3 साल के कार्यकाल में आखिर क्या वजह है कि प्रदेश के कई हिस्सों में उपद्रब और धर्मान्तरण की स्थिति बनी है ? वही, भाजपा नेताओं पर FIR होते ही विरोध चालू हो गया हैं।