कबीरधाम। कवर्धा सीमा में भाजपा नेताओं व एडिशनल एसपी के बीच तू-तू मैं-मैं हुई। कारण है कि जेल से रिहा हुए 35 लोगों को कवर्धा नहीं जाने दिया गया और शहर की सीमा पर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर सभी को रोक दिया।
आखिर इन्हें पुलिस रोके भी तो क्यों ना ?, कवर्धा शहर में धारा 144 लगने के बाद भी स्वयं सांसद ही समूह के साथ पहुंच गए थे, जैसे ही जानकारी लगी एडिशनल एसपी अपनी टीम के साथ कवर्धा सीमा पर पहुंची। एडिशनल एसपी ने रिहा हुए 35 लोगों और भाजपा सांसद व कार्यकर्ताओं को सीमा पर रोक दिया।
पुलिस द्वारा रोका जाना भाजपा सांसद को रास नहीं आया और वह कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे, जबकि उन्हें खुद में ध्यान होना चाहिए कि शहर में धारा की 144 लागू किया गया है, ऐसे में कोई भी व्यक्ति समूह बनाकर शहर में प्रवेश नहीं कर सकता। पुलिस ने भी इनकी एक न मानी व इन्हें वापस लौटना पड़ा।
एडिशनल एसपी ने बताया –
एडिशनल एसपी ने बताया कवर्धा मारपीट मामले में 59 लोगों को जेल से जमानत मिली, जिसमें से 35 कवर्धा जिले से हैं और 4 कवर्धा शहर से है। भाजपा सांसद और कार्यकर्ताओं के साथ सभी 35 लोग शहर में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे लेकिन धारा 144 लगी होने के कारण इन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। 4 लोग जो कवर्धा से हैं उन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई है। वहीं अन्य बाकी कवर्धा जिले के आसपास गांव से हैं, जो बाईपास से होकर चले गए।
भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने कहा –
वहीं इस मामले को भाजपा सांसद ने खुद के और रिहा हुए लोगों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों को जेल में रखा गया है, उन्हें जल्द से जल्द छोड़ा जाए, जो रिहा होकर आए हैं कोई आदतन अपराधी नहीं है। इसलिए इनके प्रवेश पर रोक क्यों लगाया जा रहा है।
बहरहाल, माहौल को देखते हुए सांसद संतोष पांडे को समझना था कि इस तरह समूह में आने से धारा 144 का उल्लंघन होगा। लेकिन वह जिद पर अड़े रहे, आखिरकार पुलिस-प्रशासन के सामने उनकी एक न चली और उन्हें वापस लौटना पड़ा।