छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : साहू समाज पर राजनीति हावी, आपस में भिड़े अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, मारपीट तक बात पहुंची, जानें क्या है इसका जड़!

रायपुर। प्रदेश साहू संघ बैठक का आयोजन राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित प्रदेश कार्यालय में किया गया। साहू संघ की इस बैठक में अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी और उपाध्यक्ष तुलसीदास साव आपस में भिड़ गए। हद यह है कि यह जुबानी जंग नहीं थी बल्कि मारपीट व झूमा झपटी में बदल गई। इस तरह की घटना होने का कारण समाज में हो रही राजनीति है।

सामाजिक निर्वाचन नियमावली में संसोधन –

सामाजिक सूत्रों ने बताया कि सामाजिक निर्वाचन नियमावली में पारदर्शिता का अभाव और गलत ढंग से संशोधन के बाद से बीते कुछ समय से ऐसी स्थिति बन गई हैं। सामाजिक नियमावली में संशोधन कर अपनी लाभ और हानि देखी जा रही है।

क्या रहा विवाद का कारण –

बैठक में उपस्थित सामाजिक पदाधिकारियों के अनुसार बैठक में दुर्ग-भिलाई जिला साहू संघ को पृथक संगठन बनाने के एजेंडे पर चर्चा चल रही थी। इस बीच उपाध्यक्ष तुलसीदास साव ने कुछ बात कहना शुरू किया, जिस पर अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी ने आपत्ति जताई। अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष को बोलने से कथित तौर पर रोक दिया। पास में ही बैठे उपाध्यक्ष इससे आक्रोशित हो गए और यकायक खड़े होकर अध्यक्ष को तमाचा जड़ दिया। इससे बैठक में अफरातफरी मच गई। वाद-प्रतिवाद की स्थिति में बैठक स्वमेव स्थगित हो गई।

यह एक कारण –

बता दे कि वैमनस्यता की जड़ महासमुन्द जिले के बसना और सरायपाली तहसील संघ का विभाजन और इसके चुनाव को लेकर उपजा है। यहां के निर्वाचन को बड़ी संख्या में लोग अवैध ठहरा रहे हैं। 25 अक्टूबर को शपथ ग्रहण व भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू महासमुन्द जिले के दौरे पर जाने वाले हैं। इस क्षेत्र के सामाजिक नेता तुलसीदास साव हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष होते हुए भी इस कार्यक्रम में उनकी उपेक्षा से वे खासे खफ़ा हैं, ऐसा बताया जा रहा है। गुटबाजी के चलते ही 17 जनवरी 2021 को महासमुन्द में आयोजित संभागीय सम्मेलन में महासमुन्द लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू को अतिथि नहीं बनाया गया। इसे लेकर भी जमकर विवाद हुआ था।

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का मानना है –

वर्तमान में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री व लंबे समय तक साहू समाज का नेतृत्व करने वाले नेता ताम्रध्वज साहू का मानना है कि इस सामाजिक संगठन में राजनीति नहीं होना चाहिए। यह समाज सेवा का मंच है। इसमें दलगत राजनीति और व्यक्तिगत निष्ठा से ऊपर सर्वजन हिताय की दिशा में काम करने वालों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। आपसी वैमनस्यता का सार्वजनिक जीवन में कोई स्थान नहीं है।

गृह मंत्री के घर पहुंचे सामाजिक नेता –

वही, बैठक में हुए विवाद के बाद कई सामाजिक नेता गृह मंत्री के आवास पहुंचे, जहां बंद कमरे में बातें हुई। इसका खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। इस बैठक में नारेबाजी, विवाद और मारपीट होने की बात प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई है। एक दूसरे से मारपीट करने वाले पदाधिकारी मीडिया से बात भी नहीं करना चाहते।

इस घटना के बाद समाज का प्रबुद्ध वर्ग का कहना है सामाजिक पदाधिकारी राजनीति से जुड़े लोगों को नहीं बनाया जाना चाहिए। विवाद निर्मित होने का यह सबसे बड़ा कारण है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!