दुर्ग। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस साल फिर हाथों पर सोटा खाया। एक व्यक्ति ने सीएम बघेल के हाथों पर चाबुक बरसाए। भूपेश बघेल चुपचाप चाबुक खा रहे हैं और उनके चेहरे पर रत्ती भर शिकन नहीं है। इसका वीडियो मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है और प्रदेशवासियों को गौरा गौरी पूजा की बधाई दी है। वही प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की।
प्रदेश की मंगल कामना और शुभ हेतु आज जंजगिरी में सोटा प्रहार सहने की परंपरा निभाई।
सभी विघ्नों का नाश हो। pic.twitter.com/bHQNFIFzGv
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 5, 2021
सीएम भूपेश गौरा-गौरी पूजा में शामिल होने के लिए शुक्रवार को जंजगिरी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने गायों की पूजा की और उन्हें खिचड़ी का प्रसाद खिलाया। इस दौरान सीएम बघेल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर गौरा गौरी की पूजा की। वहीं सीएम ने वर्षों पुरानी सोटा परंपरा का भी निर्वहन किया। सोटा हाथ में मारने की पुरानी परंपरा है। ग्रामीणों की मान्यता है कि परंपरा अनुसार सोटा से मार खाने वाले व्यक्ति पर देव चढ़ते हैं और उसे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है सोटा से मार खाने से व्यक्ति के कष्ट व पाप कम होते हैं। मुख्यमंत्री ने ‘गोवर्धन पूजा’ की सभी प्रदेशवासियों को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
प्रकृति और गोधन के प्रति प्रेम व रक्षा एवं लोक एकता के विजय पर्व गोवर्धन पूजा की समस्त प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/7agAF8prmw
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 5, 2021
आदिवासी करते हैं गौरा-गौरी पूजा
बता दें, आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा गौरा-गौरी पूजा का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें दीपावली की रात को गौरा (भगवान शंकर) और गौरी (माता पार्वती) की शादी की जाती है। दीपावली की रात गौरी-गौरा की बारात निकाली जाती है।
पंरपरा के मुताबिक समाज के लोग तालाब के पास की मिट्टी ला कर उससे गौरा-गौरी की मूर्ति बनाते हैं। फिर पूरे धूमधाम से बारात निकाली जाती है और विधि-विधान से शादी की रस्में पूरी होती है। परंपरानुसार पैरा को पानी में भिगोकर उससे चाबुक बनाया जाता है। फिर इसी चाबुक से पूजा करने वाले बैगा जाति के लोगों से खुशहाली व समृद्धि के लिए सोटा चलवाते हैं।