
गेवरा/दीपका : दिवाली से पहले श्रमिकों को आधी सैलरी देकर वाहवाही लूट रहा SECL, किसको फायदा दिलाने की कोशिश?
गेवरा/दीपका। दीपावली त्यौहार पर साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कर्मचारियों को कम वेतन से संतोष करना पड़ रहा है, तो वहीं अधिकारी संवर्ग के कर्मियों को वेतन का भुगतान ही नही किया गया।
बता दे कि एस ई सी एल के इतिहास मे वेतन भुगतान के संबंध में पहली घटना है, जहां पर कर्मचारियों को कम वेतन दिया गया है। वही, कोयला मजदूर सभा के उप महासचिव अख़्तर जावेद उस्मानी ने इस तरह की घटना को जानबूझकर की गई एक बड़ी लापरवाही बताते हुये इसकी निंदा की है और तत्काल सही वेतन भुगतान के साथ दोषीयों पर कार्यवाही की मांग की है।
कोल नेट सिस्टम साफ्टवेयर की सेवायें 2023 तक थी –
उन्होंने बताया कि इससें पहले कोल नेट सिस्टम साफ़्टवेयर से बिलिंग कर सुचारू रुप से स्थापित प्रक्रिया से भुगतान हो रहा था। कोल नेट सिस्टम साफ्टवेयर की सेवायें 2023 तक के लिये ली गई हैं। इसी बीच आधुनिकरण के नाम पर अमेज़ॉन की तर्ज़ पर एन्टरप्रेनुअर रिसोर्स प्लानिंग (इआरपी) को लागू करने के लिये टेक महेन्द्रा को लगभग 450 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया और उन्हे बिल का भुगतान करने के लिये सेट अप के पूरी तरह से फ़ंक्शनली आपरेटेड हुये और ट्रायल रन के बग़ैर माह अक्टूबर 2021 मे गलत सलत अनआडिटेड बिल का भुगतान कर दिया गया। अधिकारियों का बिल ही नही बन सका।
कोल माईन्स आफ़िसर एसोशियेशन ने पत्र क्र.79 अनुसार 03 नवम्बर 2021 के द्वारा निदेशक वित्त एस ई सी एल को पत्र लिख सभी अधिकारियों को एक लाख रुपये का प्राविधिक भुगतान करने की मांग की है।
दिवाली से पहले वेतन देकर लूटी गई वाहवाही पर –
दिवाली से पहले वेतन भुगतान हो गया है। इसकी सूचना कोल इंडिया लिमिटेड और मंत्रालय को दे दी गई और बधाइयां भी ली गई लेकिन श्रमिकों को औसतन 30,000/- कम भुगतान हुआ है। वहीं 10% श्रमिकों को 50,000/- रुपये अधिक भुगतान किया गया है।
क्षतिपूर्ति कितनी होगी यह बड़ा सवाल –
अधिकारियों की विशेष रुप से नव नियुक्त अधिकारियों की उजियारी अंधियारी मे बदल गई क्योंकि टेक महेंद्रा को भुगतान से पूर्व सिस्टम काम करने का सर्टिफिकेट जारी करना था। क्या कोल नेट सिस्टम साफ्टवेयर के 2023 तक के कान्ट्रेक्ट का अब फ़ोरक्लोज़र होगा यदि हाँ तो क्षतिपूर्ति कितनी होगी यह एक बड़ा सवाल है।
श्रमिकों का मनोबल कमजोर पड़ा –
अख़्तर जावेद उस्मानी ने कहा कि इस तरह की असंवेदनशीलता से दीपावली मे उत्पादन पर ही असर नही पड़ा बल्कि लगभग 46000 श्रमिकों का मनोबल भी कमज़ोर पड़ रहा है। इस घटना की अगर जांच कर दोषियों पर कार्यवाही नही हुई तो इसकी मांग सर्वोच्च स्तर पर की जायेगी।
वही, कोयला मजदूर सभा के उप महामंत्री केंद्रीय अख्तर जावेद का सवाल यह भी है कि अक्टूबर की सैलरी आपाधापी में क्यों की गई। आखिर किसको फायदा दिलाया जा रहा है?