कबीरधाम। मृत्यु के बाद मानव जीवन का कोई मूल्य नही होता है और मृत शरीर को जला व दफना दिया जाता है, जिससे हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग व्यर्थ मे चला जाता हैं।
क्यों न उसी शरीर को हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में दे कर कई जरूरत मंदो को नया जीवन जीने में सहयोग करें ताकि हम मर कर भी जीवित रहें। ‘मरने वाले नया जीवन जिये’ एक छोटी सी सोच को आगे करने से कईयो की जिंदगी बचाई जा सकती हैं।
यही काम कबीरधाम में रहने वाले मेघराज श्रीवास (उम्र 35) ने कर दिखाया हैं, जहां पर हम मरने के बाद मोक्ष नहीं मिलने का वास्ता देकर अपने शरीर के हर महत्वपूर्ण अंगों को दान करने से डरते हैं। वही मेघराज श्रीवास ने लोगों की जान बचाने के लिए अपने शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों को दान कर दिया।
उनके इस नेक कार्य से जरूरतमंदों को जिंदगी मिल पाएगी और उनके जीवन से मेघराज हमेशा जीवित रहेंगे। जीते जी ये फैसला लेना थोड़ा कठिन होता है लेकिन मेघराज ने लोगों के लिए एक एग्जांपल सेट कर दिया है। उन्होंने “जीते जी रक्त दान, मृत्यु के बाद अंगदान ” का संकल्प लेकर एक कदम परोपकार की ओर बढ़ाने का प्रयास किया हैं।