लखनऊ/रायपुर। उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले सियासी दलों ने अपने अभियान शुरू कर दिए हैं। ऐसे में कांग्रेस यूपी में अपना जनाधार बनाने में लगी हुई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार रात फिर उत्तर प्रदेश रवाना हो रहे हैं। इस बार उनका मोर्चा पूर्वांचल में लगा है। यहां बस्ती जिले के रुधौली विधानसभा में कांग्रेस का एक किसान सम्मेलन है।
उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शाम 7 बजे रायपुर से वाराणसी के लिए रवाना होंगे। उनको रात में वहीं रुकना है। सुबह वे बस्ती जिले के लिए रवाना होंगे। सुबह 11 बजे रुधौली विधानसभा के बैड़वा समय माता स्थान भानपुर में कांग्रेस ने एक किसान सम्मेलन आयोजित किया है। भूपेश बघेल इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे। इसमें AICC के प्रभारी सचिव राजेश तिवारी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू सहित प्रमुख नेता भी मौजूद रहने वाले हैं। यह पहली जनसभा होगी जिसमें भूपेश बघेल के साथ प्रियंका गांधी मौजूद नहीं होंगी।
बस्ती सम्मेलन से लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वाराणसी के एक होटल में पिछड़ा वर्ग और व्यापारी समाज के प्रमुख लोगों से अलग-अलग चर्चा करेंगे। यह सेमिनार जैसा कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री इन समुदायों की बात सुनने के बाद कांग्रेस की ओर से परिस्थितियां बदलने का भरोसा देंगे। इन बैठकों के बाद मुख्यमंत्री रायपुर लौट आएंगे।
चुनावी रणनीति के लिहाज से कांग्रेस के बस्ती किसान सम्मेलन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ही गोरखपुर में रहने वाले हैं। वे वहां फर्टिलाइजर कारखाने का उद्घाटन करने वाले हैं। यहां 9600 करोड़ की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और भूमिपूजन होना है। वहां कई चुनावी घोषणाएं भी संभव है। ठीक उसी दिन गोरखपुर से 70 किलोमीटर दूर ही कांग्रेस भाजपा पर जवाबी हमला करेगी।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस सम्मेलन में गन्ना किसानों का मुद्दा उठाएगी। रुधौली में ही एक चीनी मिल है। पिछले साल के पेराई सत्र में इसने किसानों का 40 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी लगाया था। इस बेरुखी की वजह से क्षेत्र में गन्ने का क्षेत्रफल कम हुआ है।
पूर्वांचल के दूसरे जिलों खासकर कुशीनगर और महाराजगंज की चीनी मिलों का भी यही हाल है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने जो आठ वादे किए हैं, उनमें किसानों की कर्ज माफी, धान-गेहूं की कीमत 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने के साथ गन्ने का मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल का वादा भी शामिल है।