गेवरा/दीपका। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कर्मचारियों को कम ब्याज पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने कई गतिविधियां संचालित करने वाली एसईसीएल एंप्लाइज कोथ्रिफ्ट सोसायटी के चुनाव इसी महीने संपन्न होंगे।
निर्वाचन आयोग के द्वारा इसके लिए समय सारणी घोषित कर दी गई है। नदी पार के कर्मचारियों ने सभी पदों के लिए प्रत्याशी उतारना तय किया है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के मामले में कम समय दिए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई हैं। इसके अलावा स्टोर के बजाय निजी स्थान पर गिफ्ट रखे जाने के मामले को भ्रष्टाचार से जोड़कर बताया है।
सोसायटी के माध्यम से कई गतिविधियों को क्रियान्वित करने की खबर –
एसईसीएल कोरबा और कुसमुंडा क्षेत्र के कर्मचारियो का समूह इस सोसाइटी का हिस्सा है। बीते कई दशक से यह अस्तित्व में है। इस सोसायटी के माध्यम से कई प्रकार की गतिविधियों को क्रियान्वित करने की खबर है। कर्मचारियों को न्यूनतम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के अलावा अन्य गतिविधियां इसके द्वारा संचालित की जाती हैं। इसलिए कर्मचारियों ने इस सोसाइटी से खुद को अटैच कर रखा है ताकि ऐन वक्त पर उनकी सहायता हो सके। फर्म और सोसाइटी से पंजीकृत इस संस्था के लिए वर्ष 2021 में चुनाव की प्रक्रिया कराई जा रही है। नई कार्यकारिणी में कूल 11 प्रतिनिधि शामिल होंगे। चुनाव संपन्न कराने के लिए विभाग ने सहकारिता निरीक्षक लक्ष्मी नारायण जायसवाल को अधिकारी नियुक्त किया। उनकी उपस्थिति में नामांकन की प्रक्रिया पूरी की गई।
70 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल –
बताया गया कि 70 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। इससे पहले के वर्षों में इस समिति के लिए कोरबा क्षेत्र से ही प्रतिनिधि चुने जाते रहे हैं। इस वजह से दूसरे क्षेत्रों के सदस्यों की शिकायत बनी रही है कि उनके हितों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। इसके चलते नदी पार से अनिरुद्ध और अंसारी सहित उनके पैनल ने चुनाव में उतरना सुनिश्चित किया है। एक दावेदार ने बताया कि 4122 लोग चुनाव में वोट डालेंगे इसलिए हम चाहते हैं कि कुसमुंडा क्षेत्र में भी पोलिंग बूथ की व्यवस्था की जाए। आपत्ति इस बात पर भी जताई गई कि बड़ी संख्या में दावेदार सामने आ रहे हैं, जिसके बाद भी नामांकन के लिए केवल 3 घंटे का समय दिया गया।
कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ –
आरोप यह भी है कि पिछली कार्यकारिणी के द्वारा कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया। सोसाइटी के कार्यालय परिसर में स्टोर रूम होने के बावजूद बड़ी संख्या में गिफ्ट को निजी स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। जानकार बताते हैं कि इस सोसाइटी का कामकाज कुल मिलाकर कर्मचारियों की धनराशि से चलता है। उनके वेतन से ही अंशदान की कटौती कर ली जाती है। कर्मचारियों को प्रतिवर्ष प्रोत्साहित करने के लिए गिफ्ट दिए जाने की परंपरा है। बड़ी संख्या में दिए जाने वाले गिफ्ट की खरीदी कंपनी से सीधे की जाती है। इस स्थिति में होने वाले लाभ का आकलन बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इन सब कारणों से मौजूदा चुनाव कुल मिलाकर वर्चस्व पर केंद्रित हो गया है। वर्ष 2021 में ही इस चुनाव के नतीजे आएंगे इससे स्पष्ट होगा कि कर्मचारी किन चेहरों पर विश्वास जताते है।
नहीं बनेगा अलग से बूथ –
निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने के दौरान नामावली जारी की गई थी उस समय अलग-अलग पोलिंग बूथ बनाने के लिए किसी ने आपत्ति नहीं की। अब जबकि कार्यक्रम घोषित हो चुका है ऐसी स्थिति में अलग से व्यवस्था हो सकेगी, इसकी कोई उम्मीद नहीं है।
लक्ष्मीनारायण जायसवाल, चुनाव अधिकारी