कोरबा : मार्च महीने में विदेशों या कोरोना प्रभावित शहरों से कोरबा आये सभी लोगों को रखा जायेगा क्वारेंटाईन सेंटर में, रसियन हॉस्टल में बना क्वारेंटाईन संेटर
धारा-144 का कड़ाई से पालन करने के लिये कलेक्टर ने दिये निर्देश, प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के इंतजामों की भी गहन समीक्षा हुई
कोरबा:मार्च महीने में विदेषों या देश के कोरोना प्रभावित इलाकों से कोरबा आये सभी लोगों को पहचानकर उन्हें आइसोलेट करने के लिये क्वारेंटाईन सेंटर में रखा जायेगा। कोरबा शहर में रसियन हॉस्टल को स्वास्थ्य विभाग ने क्वारेंटाईन संेटर बनाया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल ने आज सुबह पहले प्रषासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेकर कोरोना वायरस से निपटने के लिये जिले में की गई तैयारियों और इंतजामों की गहन समीक्षा की और जरूरी निर्देष दिये। इसके बाद उन्हांेने क्वारेंटाईन संेटर रसियन हॉस्टल का भी निरीक्षण किया तथा वहॉं की व्यवस्थाओं और इंतजामों की जानकारी ली। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. जयवर्धन, नगर निगम आयुक्त श्री राहुल देव, सीएमएचओ डॉक्टर बी.बी. बोर्डे सहित जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, राजस्व अमला और सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
धारा-144 के प्रावधानों का हो कड़ाई से पालनः- कलेक्टर श्रीमती कौषल ने बैठक में अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में धारा-144 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देष दिये। कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिये जिले में कल से ही धारा-144 के प्रावधान लागू कर दिये गये हैं और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को इस वायरस के संक्रमण की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिये शासन द्वारा जारी किये गये निर्देषों का पालन करने-कराने को अनिवार्य किया गया है। कलेक्टर ने जिले में अकारण भीड़ या समूह में लोगों के एक स्थान पर इकट्ठे होने पर रोक लगा दी है। अकारण यात्राओं और विचरण को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। रैली-जुलूस-धरना प्रदर्षन-सभा आदि प्रकार के सभी आयोजनों पर भी पॉंच अप्रैल तक रोक लगा दी गई है। जिले में मेला, मड़ई, उत्सवों या सामूहिक कार्यक्रमों के आयोजन पर भी आगामी पॉंच अप्रैल तक रोक रहेगी। इसके साथ ही मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारों, चर्च आदि धार्मिक संस्थानों को भी कोरोना वायरस के नियंत्रण से संबंधित शासन की एड्वाईजरी का अनिवार्यतः पालन करने के निर्देष भी जारी किये गये हैं।
क्वारेंटाईन संेटर में रखकर बाहर से आये लोगों की होगी निगरानी, कोरोना संक्रमण पॉजीटिव पाये जाने पर आइसोलेषन वार्ड मंे किया जायेगा ईलाजः- कलेक्टर श्रीमती कौषल ने आज बैठक में अधिकारियों को बताया कि कोरबा जिले में मार्च माह में विदेषों या भारत के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले सभी लोगों की सूचना तथा जानकारी 104 टोल फ्री नंबर पर दी जा सकती है। उन्होंने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को ऐसे सभी लोगों की जानकारी लेने के लिये अपने सूचनातंत्र को मजबूत करने के निर्देष दिये। पटवारियों, कोटवारों, मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित जनसामान्य से भी इस प्रकार की जानकारी लगातार लेते रहने के निर्देष कलेक्टर ने बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति का पता चलने पर उसे तत्काल 14 दिनों के लिये सभी लोगों से अलग कर क्वारेंटाईन संेटर में रखकर निगरानी की जायेगी। निगरानी के दौरान व्यक्ति का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण विषेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया जाता रहेगा। ऐसे व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर तत्काल उसका सैम्पल लेकर रायपुर या अन्य जगहों पर स्थित अधिकृत लैब मंे जॉंच के लिये भेजा जायेगा। व्यक्ति के सैम्पल की जॉंच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर 14 दिन की अवधि के बाद उसे घर जाने दिया जायेगा और यदि रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो उसे जिला अस्पताल के आइसोलेषन वार्ड में भर्ती कराकर समुचित ईलाज किया जायेगा।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल ने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को अपने-अपने अनुभाग में चल रहे शासकीय तथा निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर वहॉं कोरोना वायरस से बचाव के लिये की गई तैयारियों की जानकारी लेने के निर्देष भी बैठक में दिये। उन्होंने निर्देषित किया कि सभी अस्पतालों में ईलाज कराने आने वाले मरीजों का नाम, पता, मोबाईल नंबर के साथ-साथ पिछले दिनों में उनकी आने-जाने की गतिविधियों की पूरी जानकारी भी रजिस्टर में संधारित की जाये। किसी भी मरीज को किसी भी परिस्थिति में जॉंच करने या ईलाज करने से वंचित नहीं किया जाये। कलेक्टर ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि किसी भी मरीज का ईलाज करने से मना करने पर संबंधित अस्पताल, अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के विरूद्ध आईपीसी की धारा 188 के तहत् दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी जिसके लिये वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
विदेषों से आने वाले या संक्रमित व्यक्ति की जानकारी प्रषासन को नहीं देने पर होगी दण्डात्मक कार्यवाहीः- कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल ने बैठक में यह भी बताया कि विदेष या कोरोना संक्रमित क्षेत्र से आने वाले लोगों की जानकारी या कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जानकारी छुपाने पर संबंधित रिस्तेदारों या व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दण्डविधान की धारा 188 के तहत् अपराध पंजीबद्ध किया जायेगा और उचित दण्डात्मक कार्यवाही भी की जायेगी। श्रीमती कौषल ने बताया कि कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिये जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही महामारी अधिनियम भी पूरे प्रदेष में लागू है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित या विदेषों और कोरोना प्रभावित भारतीय क्षेत्रों से आने वाले व्यक्तियों की सूचना टोल फ्री नंबर 104 या जिला प्रषासन के कण्ट्रोल रूम 07759-228548 पर दिया जाना अनिवार्य है। स्वयं कोरोना संक्रमित व्यक्ति को भी अपने संक्रमण की सूचना जिला प्रषासन को एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को देना अनिवार्य किया गया है। ऐसे किसी भी व्यक्ति द्वारा सूचना छुपाये जाने या उसके परिजनों द्वारा सूचना नहीं देने पर कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
मॉं मड़वारानी, चैतुरगढ़, मॉं सर्वमंगला, मॉं कोसगई और मॉं भवानी मंदिर सहित धार्मिक स्थलों पर भी नहीं होगी भीड़, मेले आदि भी नहीं लगेंगेः- कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल ने जिले के सभी धार्मिक स्थलों मंदिर, मस्जिदों, गुरूद्वारों, चर्चों आदि के प्रबंधनकर्ताओं से व्यापक सहयोग की अपील की है। कलेक्टर ने कहा है कि जिले में धारा-144 लागू है और कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के फैलाव को रोकने के लिये धार्मिक संस्थाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। मंदिरों में लगने वाली दर्षनार्थियों की भीड़, मस्जिदों में नमाज के लिये इकट्ठे होने वाले लोगों के साथ-साथ अन्य धार्मिक स्थलों में प्रार्थना आदि के लिये जुटने वाले लोगों से कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव की आषंका है। ऐसे में कलेक्टर ने मंदिरों में भीड़ नहीं जुटने देने के निर्देष मंदिर प्रबंधनों को दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मंदिरों में समय-समय पर केवल पुजारी जाकर यथाविधि पूजा-पाठ आदि सम्पन्न करें। अधिक संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित न हो, आने वाले नवरात्र पर्व पर भी मेले, मड़ई आदि का आयोजन न किया जाये। मंदिर परिसरों में कैमरे लगाकर सीधा प्रसारण इंटरनेट के माध्यम से करने की व्यवस्था की जाये ताकि श्रद्धालु अपने घरों से ही पवित्र मंदिरों और ईष्ट देवियों के दर्षन कर सकें। कलेक्टर ने मस्जिदों, गुरूद्वारों और चर्चाें मंे भी प्रार्थना के लिये भी अधिक मात्रा में लोगों को इकट्ठे न होने देने के निर्देष दिये हैं