कबीरधाम

कबीरधाम : कोरोना को मात देकर लौट गए घर ?, ख़तरा टला नही पोस्ट कोविड केयर भी जरूरी, जानियें डॉक्टर्स की राय

कबीरधाम । कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोग अब दूसरी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कुछ को छोटे काम के बाद थकान होती है, तो कुछ को साँस लेने की शिकायत, कुछ को दिल का नया रोग लग गया है, तो कुछ में और दूसरी परेशानियाँ देखने और सुनने को मिल रही है। इस वजह से डॉक्टरों की मानें, तो पोस्ट कोविड केयर भी उतना ही ज़रूरी है, जितना कोविड केयर।

आपने अपना जितना ख़याल कोविड संक्रमण के दौरान रखा, बीमारी से ठीक होने के बाद भी कुछ हफ़्तों या महीनों तक उतनी ही सतर्कता से खुद का ख़याल रखें।

कोविड के हल्के लक्षण से ठीक होने के बाद क्या करें ? –

विशेषज्ञों का मानना है कि 90 फीसदी से ज़्यादा कोरोना के मरीज़ घर पर रह कर ही ठीक हो जाते हैं। ये वे लोग होते हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। लेकिन पोस्ट कोविड केयर सभी कोविड मरीजों के लिए ज़रूरी है।

इसके बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शैलेन्द्र कुमार मंडल कहते हैं, “हल्के लक्षण वाले मरीज़ो को भी पूरी तरह ठीक होने में 2 से 8 हफ्तों का समय लग सकता है। हर व्यक्ति के स्वस्थ होने की समयावधि अलग होता है।

मेकाहारा रायपुर में कोविड के क्षेत्र में सेवारत डॉ गौरव सिंह परिहार बताते हैं कि सामान्यतः कमज़ोरी, थकान, भूख ना लगना, नींद बहुत आना या बिल्कुल ना आना, शरीर में दर्द, शरीर का हल्का गरम रहना, घबराहट – ये कुछ ऐसे लक्षण है जो माइल्ड मरीज़ों में आम तौर पर ठीक होने के बाद भी देखने को मिलते हैं। यह एक सप्ताह या एक माह तक भी रह सकता है और धीरे – धीरे ठीक हो जाता है।

वे बताते हैं कि इसी प्रकार मानसिक परेशानियां भी आफ्टर कोविड या कोविड के दौरान हो सकता है। डर, चिंता, एंजायटी, नेगेटिविटी ऐसी बहुत सारे लक्षण हैं जो कोविड मरोजों में स्पष्ट देखे जा सकते हैं। अतः तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने के लिए कोशिश करना जरूरी है। वे योगा, मॉर्निंग वॉक और मेडिटेशन करके खुद को मेंटली व फिजिकली फ़ीट रखने की सलाह देते हैं।

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ स्मित श्रीवास्तव से जानें कोविड का क्या है हार्ट पर असर –

एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट रायपुर के विभागाध्यक्ष हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ स्मित श्रीवास्तव बताते हैं कि कोविड के बाद बहुत से सामान्य लक्षण जैसे सांस फूलना, थकान, हार्ट बिट का कम या ज्यादा हो जाना जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इस तरह के ज्यादातर मामलों में मरीज सामान्य देखभाल से एक से डेढ़ माह में ठीक हो जा रहे हैं। समस्याएं तब बढ़ती हैं जब लोग फोबिया के चलाते पैनिक होते हैं। इससे हार्ट पर प्रेशर बढ़ता है और सांस लेने में दिक्कतें आ सकती हैं, अतः सतर्कता अपनाएं और भय से बचें। वे बताते हैं कि-

1. कोविड प्रॉब्लम्स से बचने के लिए शराब, गुटखा, तम्बाखू का सेवन बन्द कर दें।

2. अपनी मेडिकल हिस्ट्री चिकित्सक से अवश्य शेयर करें। यदि आप हार्ट या शुगर पेशेंट हैं तो अपनी दवाओं का विवरण जरूर बताएं, ताकि सही दवाओं का कॉम्बिनेशन दिया जा सके।

3. डॉक्टर्स का कहना है कि कम से कम 15-20% मरीजों में कोरोना वायरस दिल पर भी असर डाल रहा है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि जिन लोगों को पहले से ही दिल की बीमारी है, जिनके हार्ट में स्टेंट डाला गया है या फिर जिनकी बाईपास सर्जरी हुई है, कोरोना से संक्रमित होने के बाद इन लोगों की दिक्कत ज्यादा बढ़ गई है। इन्हें आफ्टर कोविड डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन में रहना जरूरी होता है।

4. डॉक्टर्स का कहना है कि तनाव की वजह से कोरोना के मरीजों की दिक्कत ज्यादा बढ़ रही है। तनाव लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है और इसकी वजह से हृदय गति भी बढ़ जा रही है। ये वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती है। अतः तनाव और फोबिया से बचें।

5. डॉक्टर श्रीवास्तव का कहना है कि जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी है, उन्हें भारीपन महसूस होने और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। घर पर रहते हुए पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन सेचुरेशन चेक करते रहें। किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। इस समय किसी भी स्थिति को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।

6. डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव का कहना है कि दिल के मरीजों के लिए भी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि जो लोग ब्लड थिनर का इस्तेमाल करते हैं उन्हें वैक्सीन लेने से पहले मेडिकल स्टाफ को इसकी जानकारी देनी चाहिए। मरीज और डॉक्टर के बीच संपर्क हमेशा बना रहना चाहिए।

7. चिकित्सक कहते हैं कि हर मरीज को अस्पताल की तरफ भागने की जरूरत नहीं है। इस समय सबसे जरूरी अपनी सेहत पर निगरानी रखना है। समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो ज्यादातर मरीज घर पर रहते हुए ही ठीक हो सकते हैं। जब तक आपकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती आप डॉक्टर से संपर्क कर प्रोटोकॉल के तहत अपना इलाज शुरू कर सकते हैं।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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