रायपुर/कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में 3 अक्टूबर को हुए झंडा विवाद के बाद 5 अक्टूबर को विहिप और भाजपा नेताओं ने मिलकर चक्का जाम प्रदर्शन किया था, जिसके बाद प्रशासन ने भाजपा के कई दिग्गज नेताओं पर अपराध दर्ज किया।
वहीं कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे मामला काफी गहराया भाजपा के कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा। लेकिन कुछ दिनों पहले भाजपा नेताओं को फरार घोषित कर दिया गया। अजीब बात तो यह है कि जिन नेताओं पर अपराध दर्ज किया गया है वह भाजपा के दिग्गज नेता है, जिसमें सांसद पूर्व सांसद, पूर्व विधायक आदि का नाम शामिल है। इन सभी को बकायदा पुलिस की सुरक्षा मिली हुई है, तो फिर यह फरार कैसे हुए और इन्हें पुलिस कहां ढूंढ रही हैं। वही, कुछ समय पहले ही सांसद सहित कई नेता एसपी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात किया था।
सामने आ रहा भाजपा का अजब गजब खेल –
कवर्धा में जहां एक ओर झंडा विवाद इतना ज्यादा गहराया सभी लोगों ने एकजुटता दिखाई और भाजपा ने इसका समर्थन किया लेकिन अब भाजपा गुरुवार को राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के पास पहुंच गई। भाजपा नेताओं का यह दल निष्पक्ष जांच की मांग करने के लिए नहीं बल्कि खुद पर लगे आरोपों को खारिज करने की मांग लेकर पहुंचा।
हां, सुनने में यह बात थोड़ी अटपटी सी लगती है लेकिन यह सच है कि भाजपा के यह दिग्गज नेता खुद पर दर्ज मामले को खत्म कराना चाहते हैं। कवर्धा कांड के प्रकरण समाप्त करने के लिए बकायदा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया हैं। वही ज्ञापन सौपने के दौरान सांसद संतोष पांडे, सांसद सुनील सोनी, गोमती से विजय बघेल प्रमुख रहें।
भाजपा ने कहा –
भाजपा का कहना है कवर्धा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक मोहम्मद अकबर व कांग्रेस सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन द्वारा कानून का दुरुपयोग किया गया। वही, छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर बदले की भावना को लेकर झूठा, असत्य, मनगढ़ंत आरोप लगा उनके ऊपर अपराध दर्ज किया गया है।