कबीरधाम। गांव गांव में जमीन अतिक्रमण करना नई बात नही है। अधिकतर गांवों में यही मसला हैं, जहां आपसी सामंजस्य से मामला निपटा लिया जाता है। वह सामंजस्य चाहे नगद लेकर हो या सरकारी हवाला दे कर हो। इस तरह मामले में मोटी रकम का खेल होता है।
अतिक्रमण का ताजा मामला पंडरिया ब्लाक के ग्राम अतरिया से आया है, जहां सरपंच पति पर निजी जमीन में मनमानी करने का आरोप हैं। यहां लखन दास वैष्णव और परिवार की जमीन हैं जो खसरा नम्बर 7/1, 7/2 ,7/3 , 7/4, 10 हैं। सरपंच पति के द्वारा यहां पर बाजार शेड बनवाया जा रहा हैं।
वही, भू-स्वामी ने बाकायदा खसरा नम्बर अंकित कर तत्काल इस कार्य को रोकने ग्राम सरपंच को आवेदन दिया। वही उनका कहना है कि यह उनकी निजी जमीन है, जिसे पूर्वजो ने तालाब निस्तारिकरण के लिए दिया हैं। यह सरकारी नहीं है तो इस पर मनमानी क्यों कि जा रहे हैं ? तत्काल ही इस काम को रोकना होगा। इस पर लखन दास वैष्णव के पूरे परिवार को आपत्ति है।
सरपंच पति ने बताया –
वही, सरपंच पति से बात करने पर बताया गया कि जिस जगह में निर्माण कार्य किया जाना है। वह पूरी तरह से सरकारी जमीन है। मैंने कार्य शुरू कराने से पहले पटवारी को बुलाकर सीमांकन करावा है। उसके बाद जगह का चिन्हांकन कर कार्य चालू किया गया हैं। बाजार शेड उसी जगह पर बनेगा कार्य जोर-शोर से चल रहा है।