दुर्ग। केंद्रीय जेल दुर्ग में डकैती के मामले में सजा काट रहे बंदी राजेश थापा ने किसी धारदार चीज से गला काटकर खुदकुशी करने का प्रयास किया। जेल की सुरक्षा को भेदते हुए इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी जेल अधीक्षक इसे सामान्य बात बता रहे हैं। उन्हें यह तक नहीं पता कि आखिर कैदी ने किस चीज से गला काटने का प्रयास किया है। घटना के बाद कैदी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है।
केन्द्रीय जेल दुर्ग के अधीक्षक योगेश क्षत्रिय ने बताया कि ओडिशा के बुरला (संबलपुर) निवासी राजेश थापा डकैती प्रकरण में साल 2015 से सजा काट रहा है। उसे न्यायालय से 10 वर्ष की सजा मिली है। उसके खिलाफ ओडिशा में भी कई आपराधिक मामले चल हैं। आरोपी उन प्रकरणों में सुनवाई के लिए कोर्ट में उपस्थित होने की आरोपी मांग कर था, लेकिन पिछले दो सालों से लगातार कोविड की वजह न्यायालय में फिजिकल सुनवाई संभव नहीं थी। इसके चलते उसे न्यायालय में पेश करना संभव नहीं था।
इसी दौरान सुबह 11 बजे के करीब उसने किसी धारदार चीज से अपने गले को काटने का प्रयास किया। उसके गले में गहरी चोट आई है। केंद्रीय जेल दुर्ग सीसीटीवी कैमरों से लैस है। इसके साथ ही वहां हर समय जेल कर्मियों की सुरक्षा ड्यूटी भी रहती है। सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम होने के बाद भी कैदी के पास वह धारदार चीज कैसे पहुंची? वह धारदार चीज क्या थी? इन सारे सवालों के जवाब जेल प्रबंधन के पास नहीं है।
जेल के अंदर आ सकती नुकीली चीज –
अधीक्षक योगेश क्षत्रिय का कहना है कि उन्हें यह नहीं पता वह क्या चीज थी। जेल के अष्टकोण अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही चीजों का पता चलेगा। जेल के अंदर कहीं से भी नुकीली चीजें मिल सकती है। कैदी टॉयलेट जाते हैं तो वहां टीन के दरवाजे या डिब्बों के टुकड़े से ऐसा कर सकते हैं। शेविंग के दौरान ब्लेड चुराकर रख सकते हैं। जेल के अंदर ऐसी नुकीली चीजें कहीं से भी कैदी के पास पहुंच सकती है। यह घटना कैसे हुई इसकी जांच वो कर रहे हैं।