कबीरधाम। पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी व ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य और केन्द्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते है। लेकिन फिर भी उनका शासकीयकरण आज तक नही किया गया हैं। अपनी मांग को लेकर जिला मुख्यालय में ‘वादा निभाओ रैली’ आज सभी पंचायत सचिवों ने निकाली।
जिला पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष रवि प्रसाद शुक्ला ने कहा कि वर्तमान वैश्विक महामारी में ग्रामीण जन की सुरक्षा के लिए कोरोना से संबंधित सभी प्रकार के कार्य टेस्ट, टीकाकरण आदि महत्वपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक संचालन किया गया। साथ ही छत्तीसगढ़ शासन के अति महत्वाकांक्षी योजना नरूवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी के तहत ग्राम गौठान एवं मनरेगा में कार्यो का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे है।
शासन/प्रशासन के दिशा निर्देश और पंचायत सचिवों के कड़ी मेहनत तथा कार्य के प्रति लगन एवं सच्ची निष्ठा का ही परिणाम है कि छत्तीसगढ़ शसन को राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर 12 राष्ट्रीय पुरस्कारो से सम्मानित किया गया है।
वही पंचायत सचिवों का शासकीयकरण करने छ.ग. प्रदेश के 65 सम्मानीय विधायक ने अनुशंसा किया। पंचायत सचिव को कार्य करते हुए 25 वर्ष से अधिक हो गया है। पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी को अब शासकीयकरण किया जा चुका है। लेकिन हमारी बारी नही आई हैं।
पंचायत सचिव को शासकीयकरण करने शासन और प्रशासन को वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड़ आएगा। जो कि नहीं के बराबर है। पंचायत सचिवों ने रैली निकालकर सीएम भूपेश बघेल और मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग टीएस सिंह देव से मांग की है कि परिस्थितियों को देखते हुए पंचायत सचिवों के प्रति सहानुभूति प्रकट करें। वही बिना देरी के शासकीयकरण करें। वही, मांग पूरी नही होने पर 9 मार्च को ‘वादा निभाओ रैली’ निकालकर विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उक्त जानकारी मेघराज श्रीवास द्वारा दिया गया।