कबीरधाम। देश भर में आज एकता और अखंडता की बात की जाती है। सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार भी दिया गया है, लेकिन आज के आधूनिक युग में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दबंगों ने यहां के एक ग्रामीण परिवार के खिलाफ फरमान जारी किया है। इनकी तानाशाही ऐसी है कि इनकी बातों को ना मानने का सवाल ही नहीं उठता।
क्या है पूरा मामला ? –
कबीरधाम जिले के लघान गांव में दबंगों ने ग्रामीण को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। गांव का कोई व्यक्ति इस पीड़ित के परिवार से बात भी नही करता और गांव के ग्रामीण इनके खेत खलियान में काम करने से कतराते है, चूकि दबंगों ने परिवार के खिलाफ गांव में फरमान जारी कर दिया है। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत एसपी से की है। वही, प्रशासन से मदद की गुहार भी लगाई है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। वही, गांव के दबंगों द्वारा गांव से बहिष्कृत किए जाने पर ग्रामीण का गांव में जीवन यापन करना बेहद मुश्किल हो गया है।
आखिर क्या है वजह ? –
पिपरिया थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम लघान पंडरिया के एक ग्रामीण ने गांव में हो रहे गलत कार्यों के विरोध में आवाज क्या उठाई, गांव के कुछ दबंग लोगों ने उसे गांव से बहिष्कृत ही कर दिया हैं। इस ग्रामीण का गांव में जीना मुश्किल हो गया हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए पीड़ित नंदू चन्द्रवंशी ने अब पूरे मामले की लिखित शिकायत एसपी से करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
तीन लोगों के खिलाफ एसपी से शिकायत पड़ी भारी –
बता दे कि पीड़ित ग्रामीण के लिए गांव में सब कुछ प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहां तक की गांव का कोई व्यक्ति उससे बात करने की हिम्मत तक नही करते है। अपने साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार को देखते हुए पीड़ित ग्रामीण ने इसकी शिकायत प्रशासन के समक्ष दर्ज कराई थी परन्तु प्रशासन ने अब तक कोई मदद नही की है। पीड़ित नंदू चंद्रवंशी ने बताया कि गलत कार्यों का विरोध कर तीन लोगों के खिलाफ एसपी से शिकायत के बाद दबंगों ने उसे गांव से बहिष्कृत करना शुरू कर दिया और उसका जीना दुश्वार कर दिया गया है। इस तरह बहिष्कृत किए जाने पर वह शारीरिक और मानसिक रूप से काफी परेशान है।
इस बात का किया था विरोध –
दरअसल, कुछ समय पूर्व पिपरिया थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम लघान पंडरिया निवासी राजेश सोनी, चंन्द्रिका मानिकपुरी तथा लाला द्वारा गांव में लगे हरे भरे व फलदार वृक्षों को अपने निजी स्वार्थ के लिए कटवा दिया था, जिसका विरोध नंदू चन्द्रवंशी ने किया। उसके बाद से पीड़ित पर गांव वाले ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। पीड़ित नंदू चंद्रवंशी के लिए गांव में नाऊ, धोबी, मजदूर, दुकानदार, सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होना यहां तक की लोगों से बातचीत करना सब कुछ प्रतिबंधित कर दिया गया है। इससे उसे न सिर्फ गांव में भारी अपमान का सामना करना पड़ रहा है बल्कि मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ रही है।
नित नए प्रतिबंध से मानसिक प्रताड़ना झेल रहा पीड़ित –
अपनी पीड़ा व व्यथा लेकर ग्राम लघान पंडरिया से कवर्धा पहुंचे पीड़ित ग्रामीण नंदू चन्द्रवंशी ने बताया कि उसने इस मामले की लिखित शिकायत प्रशासन के समक्ष पहले भी की थी, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की, जिससे दोषियों के हौसले बुलंद हैं और वे उस पर नित नए प्रतिबंध लगाकर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं।
मनीषा ठाकुर एएसपी कवर्धा –
इस गंभीर मामले में एएसपी मनीषा ठाकुर रावटे ने कहा कि यह एक बेहद ही संवेदनशील मामला है। इस तरह गांव के व्यक्ति का हुक्का पानी बंद कर देना असंवैधानिक कार्य है। वही, मामले में थाना प्रभारी पिपरिया को जांच के लिए कहा गया है। इसके ही साथ क्षेत्र के एसडीएम से भी बात की जाएगी। गंभीर मामले में पुलिस और जिला प्रशासन दोनों मिलकर पहले ग्रामीणों से बात करेगी। उस व्यक्ति को जीने के लिए जो भी आवश्यक वातावरण की जरूरत है। इसके लिए जिला प्रशासन प्रयास करेगी। जरूरत पड़ने पर कार्यवाही भी की जाएगी।