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छत्तीसगढ़ की खबर : 3 दिन तक मदद मांगती रही लंगूर की मां, प्यासे बच्चे ने फंसाया लोटे में सिर, फिर …

धमतरी। जिले के नगरी ब्लॉक के वनविभाग के काष्ठागार में तीन दिन पहले लंगूरों का एक दल आया। भीषण गर्मी के कारण लंगूर प्यासे थे। काष्ठागार परिसर में काम करने वाले एक वनकर्मी का पानी से भरा लोटा रखा था। लंगूर के एक बच्चे ने पानी पीने के लिए लोटे में सिर डाल दिया। उसकी प्यास तो बुझ गई लेकिन लोटा सिर में फंस गया।

लोटे में सिर फंसने से बच्चा बेचौन हो गया। अपने बच्चे को फंसा देख उसकी मां लंगूर और पूरा दल, आवाज करने लगा। तब लोगों का ध्यान गया। लोगों ने अपनी तरफ से लंगूरों को बिस्किट खिलाया, उनके पास पहुचने में कामयाब तो हुए, लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद लोटे से सिर नही निकाल सके। ये सिलसिला 3 दिन तक चला। लंगूर मां इस बीच अपने बच्चे को छोड़ने को तैयार नही थी, वो लगातार उसे छाती से लगाए घूमते रही।

तीन दिन तक बच्चा कुछ खाने पीने से भी वंचित रहा। इस बीच बच्चे को भूख प्यास से मरने का खतरा बढ़ता जा रहा था, लेकिन खुशकिस्मती से तीसरे दिन लोटा अपने आप ही निकल गया। तब लंगूरों ने और नगरी के लोगों ने राहत की सांस ली। जानकारों की मानें तो लंगूर हमेशा झुंड में रहते हैं। झुंड के हर बच्चे को लेकर सभी लंगूर पालक की भूमिका में रहते हैं। उन्हें सुरक्षित रखना, उनका ध्यान रखना ये सब मिल कर करते हैं। बच्चों को लेकर सभी लंगूर बेहद संवेदनशील होते हैं।

गर्मियो में जब जंगल के सभी जल स्त्रोत सुख जाते है, और खाना भी नही मिलता तब अक्सर लंगूरों का झुंड गांवों और शहरों का रुख करता है। ये झुंड भी दाना पानी की तलाश में नगरी आया था। इस बीच ये घटना हो गई. वनविभाग के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने बताया कि अब लंगूर का बच्चा बिल्कुल ठीक है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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