क़बीरधाम। प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम साहू ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिला, अनुभाग और तहसील में कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम 7 बिंदुओं पर, राज्यपाल, सीएम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री और नेता प्रतिपक्ष विधानसभा छत्तीसगढ़ के नाम अन्य परंपरागत वन निवासी ओबीसी एससी को पेसा अधिनियम के तहत अधिकार प्रदान करने एवं पांचवी अनुसूची में शामिल करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है।
तहसीलदार को सौंपा गया ज्ञापन –
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष ओबीसी बालाराम के नेतृत्व में तहसीलदार कवर्धा मनीष वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें प्रमुख रुप से प्रदेश सचिव आनंद साहू, जयप्रकाश लोधी जिलाध्यक्ष, शीतल साहू जिलाध्यक्ष साहू समाज, जीवन कौशिक उपाध्यक्ष, नरेंद्र चंद्रवंशी, कौशल साहू उपाध्यक्ष, नीलकंठ, अखिलेश यादव, हरिश, खिलेश, पीतांबर, चंद्रिका चंद्रवंशी, भगतसिंह श्रीवास, संतराम, रम्मभन, शेखर चंद्राकर, दुर्गा सेन , कुमार जायसवाल, सहित बड़ी संख्या में ओबीसी समाज के लोग सम्मिलित हुए हैं।
प्रमुख मांगे 7 बिंदुओ में –
01. छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वदलीय बैठक बुलाकर बिहार के तर्ज पर ओबीसी की जातिगत जनगणना।
02. अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को वन पट्टा अधिकार पत्र दिए जाने के प्रावधान में निर्धारित अवधि को कम कर सरलीकरण किया जावे।
03. देश के अन्य राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी से संबंधित लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सुव्यवस्थित संचालन हेतु पृथक से विभाग (मंत्रालय) संचालित किए जाने का अनुरोध है।
04. छत्तीसगढ़ के शालेय शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में संविधान के अनुच्छेद 340 से तहत गठित मंडल आयोग के 40 बिन्दुओं के अनुशंसा को शामिल किया जाए।
05. किसी भी तहसीलदार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र बनाने में वेतन अथवा कृषि आय को क्रीमीलेयर के मापदंड हेतु जोड़ते हैं, तो उस पर सख्ती से कार्यवाही किए जाने का अनुरोध है।
06. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग छत्तीसगढ़ को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया जावे।
07. छत्तीसगढ़ राज्य के वनांचल क्षेत्रों में हाथी के उत्पात के अनेक परिवार को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अतः वन विभाग के माध्यम से हाथी के उप्पातों से बचने के लिए समुचित कार्यवाही किये जाने का अनुरोध है।