छत्तीसगढ़ की खबर : एक गांव में 2 सरपंचों की कलह, दोनों की वजह से रुका विकास कार्य, जानिए ये अजीब मामला
नारायणपुर। एक व्यक्ति की 2 पत्नियां या एक्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण परिवारिक कलह होना आम बात है। इस तरह की खबरें मीडिया में आती रहती है, लेकिन किसी पंचायत में दो सरपंच होने के कारण विकास कार्यों का रुकना बड़ा अजूबा ही है। ऐसा नारायणपुर की पंचायत धौड़ाई में ऐसा ही हुआ, जहां स्वास्थ केंद्र तक पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है, लेकिन यहां दो सरपंच होने के कारण विकास कार्य रुका हुआ है।
क्या हो रहा है कार्य –
नारायणपुर के ग्राम पंचायत धौड़ाई में स्वास्थ केंद्र तक पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ताकि स्वास्थ केंद्र तक मरीजों को आसानी से ले जाया जा सके, लेकिन दो सरपंच के बीच की आपसी खींचा तानी के चलते सड़क निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। एक सरपंच ने कहा ग्राम पंचायत के जानकारी के बिना निर्माण कार्य शुरू तो दूसरे सरपंच ने कहा मीडिया का गलत उपयोग कर विकास कार्य को रोका जा रहा है।
क्यों रुका है कार्य –
पूरे मामले पर जनपद पंचायत के सीईओ का कहना है कि ग्राम पंचायत धौड़ाई में अविश्वास प्रस्ताव से पूर्व सरपंच को हटाकर नई सरपंच बनी थीं। उसके बाद अविश्वास से हटी पूर्व सरपंच ने इस पर स्टे और सरपंच बने रहने का आदेश बस्तर कमिश्नर ले आईं, लेकिन अविश्वास से बनी सरपंच द्वारा चार्ज नहीं दिए जाने से उक्त समस्या बनी हुई है और निर्माण कार्य बंद किया गया।
कैसे हो गईं दो सरपंच –
दरअसल, नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत धौड़ाई में गोमती देहारी पंचायत चुनाव में जीत कर सरपंच बनी थी, जिन्हे पंचों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरपंच पद से हटाया गया था। फिर सरपंच पद के लिए पंचों से चुनाव कराया गया, जिसमे सुखबती सलाम को सरपंच चुना गया। पूर्व सरपंच गोमती देहारी ने बस्तर कमिश्नर कोर्ट से स्टे और सरपंच पद पर बने रहने का आदेश ले लिया, लेकिन सुखबती सलाम ने उन्हें चार्ज नहीं दिया।
दोनों सरपंचों ने क्या कहा –
अविश्वास प्रस्ताव से बनी सरपंच का कहना है कि उक्त निर्माण के बारे में ग्राम पंचायत को कोई जानकारी नहीं है और निर्माण कार्य पंचायत की अनुमति के बिना किया जा रहा है। वहीं कमिश्नर से आदेश लाकर पुनः सरपंच बनी सरपंच का कहना है कि उनको निर्माण कार्य की पूरी जानकारी है। जनहित के लिए निर्माण हो रहा है, जिस पर आपत्ति नहीं करना चाहिए।