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कबीरधाम : UPSC में 94वां रैंक लाकर अफसर बनेंगे आकाश श्रीश्रीमाल, युवाओं को दिया तैयारी का अचूक मंत्र, इस पैटर्न से की पढ़ाई

कबीरधाम। यूपीएससी 2020 के नतीजों में कबीरधाम जिले के युवक आकाश श्रीश्रीमाल ने अपना नाम दर्ज किया। कवर्धा नगर के आकाश श्रीश्रीमाल ने देशभर में 94वीं रैंक हासिल किया है।

बता दे कि आकाश ने जिले को सबसे बड़ी उपलब्धि दिलाई है।पहली बार कबीरधाम जिले के युवक ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की। आकाश ने दिल्ली में रहकर तैयारी की थे। उनके पिता गुलाब श्रीश्रीमाल और मां लीला जैन एलआईसी एजेंट हैं। पांच बहनों के बाद सबसे छोटे भाई आकाश को यूपीएससी की प्रेरणा इंजीनियरिंग के दौरान रुरल प्रोजेक्ट पर काम करते हुए मिली।

पहला प्रेफरेंस ऑर्डर IPS बनना –

आकाश ने बताया कि रुरल प्रोजेक्ट में काम करते समय उन्हें लगा कि प्रशासन में काम करना चाहिए। इस कारण वह UPSC की तैयारी में जुट गए। इनकी प्रारंभिक पढ़ाई कवर्धा के प्राइवेट स्कूल में हुई। इसके बाद सिविल इंजीनियरिंग के लिए एनआईटी रायपुर चले गए। वहां 4 साल तक पढ़ाई की।

इसके बाद यूपीएसी की पढ़ाई के लिए वर्ष 2019 में दिल्ली चले गए। आकाश को वालीबॉल पसंद है, वे स्टेट प्लेयर भी रह चुके हैं। आकाश को आईएएस मिलने की उम्मीद कम है क्योंकि वे जनरल कैटेगरी से हैं। ऐसे में उनके पास आईपीएस का विकल्प मौजूद है। आकाश ने कहा उनके प्रेफरेंस ऑर्डर में IPS बनना पहले हैं। दूसरे ऑप्शन में वो IAS लेकर चल रहें हैं।

आज के युवा के लिए प्रेरणा है आकाश –

प्रदेश के विद्यार्थी व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए आकाश प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं। आकाश श्रीश्रीमाल ने बताया कि टॉपर्स के नोट्स और वीडियोज देखकर अपने हिसाब से नोट्स बनाए। वही, उन्होंने प्री और मेंस कम्बाइन तैयारी की। आकाश जनवरी के अंत तक मेंस की तैयारी पूरी करना चाहते थे। फरवरी में प्री की तैयारी शुरू की। कोविड के चलते प्री की तारीख चार महीने आगे बढ़ी तो उस टाइम को अच्छे तरीके से उपयोग किया। इनका मुख्य फोकस प्रैक्टिस पर होता था। स्टडी के लिए मटेरियल कम यूज किए। दोस्तों संग ग्रुप डिस्कशन का फायदा मिला। इस तरह मिनिमम मटेरियल और मैग्जिमम आउटपुट फंडा काम आया। इस वजह से उनके हाथ सफलता लगी।

ऐसे बनाया UPSC क्रैक करने का मन –

मोटिवेशन के सवाल पर आकाश ने कहा कि एनआईटी में पहले साल के दौरान एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से जरा भी रुझान नहीं था। यूएस से आई एनआईटी की एलुमिनी टीम के साथ रुरल इलाकों में जाने का मौका मिला। वहां से इन्हें प्रशासन में काम करने की प्रेरणा मिली। उस प्रोजेक्ट से खुश था इसलिए फाइनल ईयर में आते तक यूपीएससी क्रैक करने का ठान लिया।

आकाश के पिता ने बताया –

आकाश के पिता गुलाब श्रीश्रीमाल ने बताया कि उनके घर में पढ़ाई का माहौल उनकी सबसे बड़ी बेटी से शुरू हुआ, जिन्होंने कई विषय पर स्नात्कोतर की डिग्री हासिल की। विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। उससे प्रेरित होते हुए अन्य चार बेटियों ने भी पढ़ाई की। इसमेंं एक बेटी ने वर्ष 2018 में दीक्षा लेकर साध्वी बन गई। एक बेटी डेंटिस्ट, एक बेटी ने वकालत की पढ़ाई की जबकि सबसे छोटी बेटी कवर्धा की पहली महिला सीए बनी।

इंटरव्यू में ऐसे होते है सवाल –

आकाश ने परीक्षा के दौरान हुए अनुभव को बताया कि इंटरव्यू में डिटेल एप्लिकेशन फार्म के अनुसार सवाल पूछे जाते हैं। आकाश से इंटरव्यू के दौरान इंडिया में स्टार्टअप कल्चर, सोशल और रुरल डेवलपमेंट, अर्बन इलाके में एग्रीकल्चर माइग्रेन को कैसे कम करेंगे जैसी लाइन पर सवाल थे। इसका उन्होंने बखूबी जवाब दिया, और 94वां रैंक हासिल किया।

आकाश की सफलता से जिले भर में खुशी का माहौल है, जब आकाश वापस लौटे तो उनका जोरों से स्वागत हुआ। इस पर आकाश ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था। उनका इस तरह से स्वागत होगा। रिजल्ट आने के बाद से भी ज्यादा खुशी उन्हें कवर्धा आकर मिली, जब लोगों ने उनका तहे दिल से स्वागत किया। CGNEWSTIME भी आकाश श्रीश्रीमाल की उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं देता है और उज्वल भविष्य की कामना करता हैं।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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