रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते शुक्रवार को वर्ष 2022-23 का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश कर दिया है। मुख्य बजट का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है, 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए के प्रथम अनुपूरक बजट के बाद इसका आकार बढ़कर 1 लाख 15 हजार 507 करोड़ 82 लाख रूपए हो गया है। प्रथम अनुपूरक बजट में 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व व्यय 2 हजार 467 करोड़ 99 लाख रूपए तथा पूंजीगत व्यय 436 करोड़ 43 लाख रूपए है। बता दें कि यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार हमारे राज्य के हक और हिस्से के वित्तीय संसाधनों में समय-समय पर कमी करती रही है। इसके बावजूद वर्ष 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियां 79 हजार 688 करोड़ हैं, जिसमें राज्य की स्वयं की राजस्व प्राप्तियां 41 हजार करोड़ तथा केन्द्र से प्राप्तियां 38 हजार 688 करोड़ हैं। इस प्रकार राज्य की राजस्व प्राप्ति केन्द्र की तुलना में अधिक है। कई वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। यह हमारी सफल अर्थनीति के कारण हुआ है।
सीएम बघेल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व व्यय 75 हजार 366 करोड़ है, जो कुल व्यय का 87 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 में राज्य के राजस्व में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा राजस्व आधिक्य 4 हजार 321 करोड़ है। वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय 10 हजार 890 करोड़ है, जो कि कुल व्यय का 12.6 प्रतिशत तथा अब तक का सर्वाधिक है।
कोरोनाकाल में लिया गया ऋण –
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण वर्ष 2021-22 में प्रथम तिमाही में राज्य के राजस्व में कमी तथा जनहित के कार्यों एवं पूंजीगत व्यय के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने हेतु 4 हजार करोड़ का बाजार ऋण लिया गया। वर्ष 2021-22 में बाजार ऋण का 3 हजार करोड़ भुगतान भी किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2021-22 में लिया गया शुद्ध बाजार ऋण केवल 1 हजार करोड़ है, जो कि वर्ष 2012-13 के बाद पिछले 10 वर्षाे में सबसे कम है।
जीएसटी को लेकर कहा –
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय घाटा 6 हजार 812 करोड़ है, जो जीएसडीपी का मात्र 1.70 प्रतिशत है। इसमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण 04 हजार 965 करोड़ तथा केन्द्र द्वारा दिया गया पूंजीगत व्यय हेतु ऋण 423 करोड़ कम करने पर यह 01 हजार 424 करोड़ होगा, जो जीएसडीपी का मात्र 0.36 प्रतिशत होगा। आरबीआई के अनुसार छत्तीसगढ़ का विगत 5 वर्षों का औसत कमिटेड व्यय (वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान) सभी राज्यों में सबसे कम (राजस्व व्यय का 23 प्रतिशत) है। विगत 5 वर्षाे में औसत विकासात्मक व्यय सभी राज्यों में सर्वाधिक (73.4 प्रतिशत) है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कुल ऋण दायित्व 82,961 करोड़ है, जो जीएसडीपी (4 लाख 61 करोड़ ) के प्रतिशत के रूप में केवल 20.74 प्रतिशत है 15वें वित्त आयोग की अनुसंशा अनुसार यह अनुपात 25 प्रतिशत से कम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ओडिशा एवं गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है। भारत सरकार के लिए यह अनुपात 48 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ के दोगुने से भी अधिक है। वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 5.657 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों (79 हजार 688 करोड़) के प्रतिशत के रूप में 7.10 प्रतिशत है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।